Hardoi: उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक पति ने रक्षाबंधन के मौके पर पत्नी की नाक काट दी। यह घटना तब घटी जब पत्नी अनीता ने मायके जाने की जिद की ताकि वह अपने भाई को राखी बांध सके। पति राहुल इस बात पर राजी नहीं था, जिससे दोनों के बीच तीखा विवाद हुआ और गुस्से में आकर राहुल ने अनीता की नाक काट दी।
विवाद का कारण और घटना का विवरण
हरदोई के कोतवाली देहात क्षेत्र के बनियानी पुरवा निवासी राहुल और अनीता के बीच यह विवाद रक्षाबंधन के दिन शुरू हुआ। अनीता ने सोमवार को अपने भाई को राखी बांधने के लिए मायके बेहटागोकुल जाने की इच्छा जताई। राहुल इस बात पर सहमत नहीं था और इसी वजह से दोनों के बीच तीखी बहस शुरू हो गई। विवाद इतना बढ़ गया कि मामला हाथापाई तक पहुंच गया, और राहुल ने अपनी पत्नी की नाक काट दी।
घटना के बाद की स्थिति
अनीता की नाक काटे जाने के बाद वह खून से लथपथ हो गई। चीख-पुकार सुनकर अनीता के देवर और अन्य परिवार वाले मौके पर पहुंचे और उसे तुरंत हरदोई के मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया। वहां प्राथमिक उपचार के बाद अनीता की गंभीर हालत को देखते हुए उसे लखनऊ के ट्रामा सेंटर रेफर किया गया है। घटना की गंभीरता को देखते हुए उपचार की प्रक्रिया में तेजी लाई गई है।
पुलिस की भूमिका और आगामी कार्रवाई
पुलिस के अनुसार, इस मामले में अभी तक कोई तहरीर प्राप्त नहीं हुई है। तहरीर मिलने के बाद पुलिस विधिक कार्रवाई करेगी। इस वक्त पुलिस मामले की जांच कर रही है और आवश्यक कानूनी कदम उठाए जाने की उम्मीद है। घटना के संबंध में पीड़िता के परिवार द्वारा पुलिस को शिकायत दर्ज कराई जाएगी, जिसके बाद आगे की कानूनी प्रक्रिया शुरू होगी।
समाज में घटना का असर और प्रतिक्रियाएँ
इस घटना ने समाज में एक बार फिर घरेलू हिंसा की गंभीरता को उजागर किया है। रक्षाबंधन जैसे त्योहार पर इस तरह की घटना न केवल पीड़ित परिवार के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए शर्मनाक है। यह घटना इस बात का संकेत है कि हमें घरेलू हिंसा और पारिवारिक विवादों के मामलों को लेकर सतर्क रहना चाहिए और समय रहते उचित कदम उठाने की आवश्यकता है।
भविष्य में अपेक्षित कदम
इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए समाज और कानून को मिलकर काम करना होगा। घरेलू हिंसा के मामलों में पीड़ितों को तुरंत सहायता और सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए। पुलिस और न्याय प्रणाली को ऐसे मामलों में तत्परता से कार्रवाई करनी चाहिए ताकि पीड़ितों को न्याय मिल सके और ऐसी घटनाएँ भविष्य में न हों।