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अतुल सुभाष आत्महत्या मामले में मां अंजू मोदी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, पोते की कस्टडी की मांग

बेंगलुरु में हुए एआई इंजीनियर अतुल सुभाष के आत्महत्या मामले में अब उनकी मां अंजू मोदी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। अंजू ने अपने चार वर्षीय पोते व्योम की कस्टडी को लेकर याचिका दायर की है, क्योंकि उन्हें और उनके पति पवन मोदी को बच्चे की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता सता रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि न तो सुभाष की पत्नी निकिता सिंघानिया और न ही उनके परिवार के सदस्यों ने पोते के ठिकाने का खुलासा किया है, जिसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई की मांग की है।

याचिका में क्या है दावा?

अंजू मोदी और उनके पति पवन मोदी का कहना है कि वे अपने पोते व्योम की स्थिति को लेकर अत्यधिक चिंतित हैं, क्योंकि अब तक बच्चे के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल रही है। याचिका में यह भी दावा किया गया है कि सुभाष की पत्नी और ससुराल वाले बच्चे के बारे में जानकारी देने से बच रहे हैं। पवन मोदी ने भी सार्वजनिक रूप से पोते की कस्टडी की मांग की है और इसके लिए कानूनी रास्ते का सहारा लिया है।

सुप्रीम कोर्ट की न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने अंजू मोदी की याचिका पर उत्तर प्रदेश, हरियाणा और कर्नाटक सरकारों से स्थिति स्पष्ट करने के लिए नोटिस जारी किया है। अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई 7 जनवरी 2024 को तय की है।

अतुल सुभाष की आत्महत्या और पोते की सुरक्षा

बता दें कि अतुल सुभाष ने अपनी आत्महत्या से पहले एक वीडियो और लिखित नोट छोड़ा था, जिसमें उन्होंने अपनी पत्नी और ससुरालवालों पर उत्पीड़न और झूठे आरोप लगाने का आरोप लगाया था। इस नोट के आधार पर अंजू मोदी और पवन मोदी ने मामले की जांच की मांग की थी।

पिता-पुत्री की जोड़ी ने यह भी आरोप लगाया था कि ससुराल पक्ष के लोग पोते व्योम के बारे में कोई जानकारी नहीं दे रहे हैं। उनके अनुसार, वे इसे एक गंभीर मुद्दा मानते हुए यह आशंका जता रहे थे कि पोते को खतरा हो सकता है।

वैनी थाना में प्राथमिकी दर्ज

इस मामले में पुलिस भी सक्रिय है। बेंगलुरु के अलावा, अतुल सुभाष के माता-पिता ने अपनी चिंता जताते हुए उत्तर प्रदेश के वैनी थाने में अपने पोते की सुरक्षा और बरामदगी के लिए प्राथमिकी दर्ज कराई थी। वैनी पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है और थाना अध्यक्ष आनंद शंकर गौरव ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज करने के बाद, वे उच्च अधिकारियों से मार्गदर्शन प्राप्त कर रहे हैं ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके।

पिता-पुत्री ने अपनी याचिका में इस बात का भी उल्लेख किया है कि अतुल सुभाष की मौत के कारणों की विस्तृत जानकारी दी गई है और बेंगलुरु में इस पर केस दर्ज किया गया है। इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया है कि ससुराल पक्ष द्वारा पोते के बारे में जानकारी न देने से उनकी चिंता और बढ़ गई है।

अंजू मोदी और पवन मोदी का कहना है कि उनके पोते व्योम की हत्या होने की आशंका जताई जा रही है, और वे जल्द से जल्द उसे सुरक्षित ढंग से अपने पास लाना चाहते हैं।

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