Delhi Air Pollution: राजधानी दिल्ली में लगातार खराब होती वायु गुणवत्ता और गंभीर प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए दिल्ली सरकार ने दो अहम और दूरगामी फैसलों की घोषणा की है। इन फैसलों का उद्देश्य एक ओर आम जनता, खासकर मजदूर वर्ग को राहत देना है, तो दूसरी ओर प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए लोगों की आवाजाही को कम करना है। बुधवार को दिल्ली सरकार के मंत्री कपिल मिश्रा ने प्रेस वार्ता के दौरान इन निर्णयों की जानकारी साझा की।
पहला बड़ा फैसला निर्माण कार्य से जुड़े मजदूरों के लिए लिया गया है। प्रदूषण के चलते राजधानी में कई निर्माण गतिविधियों पर रोक लगा दी गई है, जिससे हजारों मजदूरों की रोज़ी-रोटी प्रभावित हुई है। इसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने निर्णय लिया है कि ऐसे सभी रजिस्टर्ड और वेरिफाइड निर्माण मजदूरों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। सरकार द्वारा इन मजदूरों के बैंक खातों में सीधे डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से 10-10 हजार रुपये भेजे जाएंगे। इससे उन परिवारों को राहत मिलेगी, जिनकी आमदनी निर्माण कार्य बंद होने के कारण अचानक रुक गई है।
सहायता सही लाभार्थियों तक पहुंचे
सरकार का मानना है कि यह आर्थिक मदद मजदूरों को इस कठिन समय में जरूरी खर्चों को पूरा करने में सहायक होगी। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि सहायता केवल उन्हीं मजदूरों को मिले, जो पहले से सरकारी रिकॉर्ड में पंजीकृत और सत्यापित हैं, ताकि पारदर्शिता बनी रहे और सहायता सही लाभार्थियों तक पहुंचे।
दूसरा अहम निर्णय दिल्ली में कामकाज की व्यवस्था से जुड़ा है। बढ़ते प्रदूषण के स्तर को देखते हुए सरकार ने दिल्ली के सभी सरकारी और प्राइवेट दफ्तरों में 50 प्रतिशत वर्क फ्रॉम होम (WFH) को अनिवार्य करने का फैसला लिया है। इसका मकसद सड़कों पर वाहनों की संख्या कम करना और लोगों की दैनिक आवाजाही घटाकर प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित करना है।
आवश्यक विभाग इस नियम से बाहर रहेंगे
हालांकि, इस फैसले में कुछ जरूरी सेवाओं को छूट दी गई है। स्वास्थ्य सेवाएं, आपातकालीन सेवाएं और अन्य आवश्यक विभाग इस नियम से बाहर रहेंगे, ताकि आम जनता को किसी प्रकार की असुविधा न हो। सरकार ने साफ किया है कि जिन दफ्तरों में वर्क फ्रॉम होम की व्यवस्था संभव है, वहां इस आदेश का सख्ती से पालन किया जाएगा।
मंत्री कपिल मिश्रा ने कहा कि सरकार हालात पर लगातार नजर बनाए हुए है और जरूरत पड़ने पर आगे भी सख्त कदम उठाए जा सकते हैं। उन्होंने जनता से भी अपील की कि वे सरकार के निर्देशों का पालन करें, अनावश्यक रूप से घर से बाहर न निकलें और प्रदूषण कम करने में सहयोग दें।
दिल्ली सरकार के ये फैसले साफ तौर पर यह दिखाते हैं कि मौजूदा प्रदूषण संकट से निपटने के लिए प्रशासन गंभीर है और जनहित को प्राथमिकता देते हुए संतुलित कदम उठा रहा है।

