Gold Rate : सोने की कीमतों में इन दिनों लगातार बढ़ोतरी हो रही है, और यह चर्चा का विषय बन गया है। वर्तमान में सोने का भाव 86,360 रुपये प्रति 10 ग्राम के आस-पास है। इसका मतलब यह है कि अगर सोने को 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंचने के लिए कीमतों में लगभग 14,000 रुपये की और वृद्धि होनी चाहिए, जो लगभग 16 फीसदी तक का इजाफा है। इस बढ़ोतरी से यह सवाल उठता है कि क्या साल 2025 तक सोने के दाम 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकते हैं?
सोने की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण
सोने की कीमतों में इज़ाफा विभिन्न वैश्विक और घरेलू कारकों के प्रभाव से हो रहा है। इनमें प्रमुख कारणों में से एक है वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता। जैसे-जैसे दुनिया भर में मुद्रास्फीति बढ़ रही है और प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं आर्थिक संकट का सामना कर रही हैं, निवेशक सोने को एक सुरक्षित निवेश विकल्प मानते हैं। इसके अलावा, अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बदलाव और वैश्विक राजनीतिक तनावों ने भी सोने की कीमतों को प्रभावित किया है।
भारत में भी सोने की बढ़ती कीमतों का कारण घरेलू मांग, रुपए का मूल्य गिरना और आयात शुल्क में वृद्धि जैसे मुद्दे हैं। सोने का उपयोग सिर्फ गहनों के रूप में ही नहीं बल्कि एक सुरक्षित निवेश के रूप में भी किया जाता है, जिससे इसकी मांग हमेशा बनी रहती है।
2025 तक सोने के दाम क्या 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंचेंगे?
सोने की कीमतों के भविष्य को लेकर विशेषज्ञों का अनुमान अलग-अलग है। कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर वैश्विक स्थिति इसी तरह बनी रही और मुद्रास्फीति पर काबू पाना मुश्किल हुआ, तो सोने के दाम 2025 तक 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकते हैं। वहीं, कुछ का यह भी मानना है कि बाजार में उतार-चढ़ाव और कुछ समय बाद ब्याज दरों में बढ़ोतरी से सोने की कीमतों में गिरावट भी हो सकती है।
वैश्विक आर्थिक अस्थिरता और सोने की बढ़ती कीमत
वैश्विक आर्थिक अस्थिरता जैसे कि अमेरिका और अन्य देशों के कर्ज संकट, युद्ध, और प्राकृतिक आपदाएं सोने की कीमतों को प्रभावित कर सकती हैं। जब निवेशक शेयर बाजार से बाहर निकलते हैं और अपनी पूंजी को सुरक्षित रखने के लिए सोने में निवेश करते हैं, तो सोने की कीमतें और अधिक बढ़ सकती हैं।
भारत में भी सोने की बढ़ती कीमतों के पीछे मांग और घरेलू कारक हैं। भारतीय समाज में सोने की पारंपरिक महत्वता और शादी-ब्याह के अवसरों पर सोने की खरीदारी का चलन इसके दामों को बनाए रखता है। इसके साथ ही, रुपया गिरने की स्थिति में सोने की कीमतें अधिक प्रभावित होती हैं।
ब्याज दरों में बदलाव
यह कहना कि सोने के दाम 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकते हैं, पूरी तरह से वैश्विक और घरेलू परिस्थितियों पर निर्भर करेगा। जहां एक ओर वैश्विक आर्थिक अस्थिरता और मुद्रास्फीति का दबाव सोने की कीमतों को बढ़ा सकता है, वहीं दूसरी ओर आर्थिक सुधार और ब्याज दरों में बदलाव इसे नियंत्रित भी कर सकते हैं। हालांकि, फिलहाल सोने की चमक बनी हुई है, और इसे लेकर आने वाले समय में और भी चौंकाने वाले बदलाव हो सकते हैं।