भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनज़र भारत सरकार ने एक महत्वपूर्ण और सख्त फैसला लिया है। भारत ने 30 अप्रैल 2025 से 23 मई 2025 तक पाकिस्तान के सैन्य और पंजीकृत (रजिस्टर्ड) विमानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र (एयरस्पेस) को पूरी तरह बंद करने का आदेश जारी किया है। यह निर्णय सुरक्षा कारणों और हाल के आतंकी हमलों की पृष्ठभूमि में लिया गया है।
पाकिस्तान की ओर से भी प्रतिक्रिया, नो-फ्लाई ज़ोन की घोषणा
भारत की इस कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने भी जवाबी कदम उठाते हुए इस्लामाबाद और लाहौर के ऊपर नो-फ्लाई ज़ोन (उड़ान निषिद्ध क्षेत्र) घोषित कर दिया है। इसका अर्थ है कि इन क्षेत्रों में कोई भी वाणिज्यिक या सैन्य उड़ानें नहीं गुजर सकेंगी। इससे दोनों देशों के बीच चल रहे तनाव की गंभीरता को समझा जा सकता है।
सीमा पर हाई अलर्ट, संवेदनशील बनी स्थिति
भारत और पाकिस्तान की सेनाएं इस समय हाई अलर्ट पर हैं। नियंत्रण रेखा (LoC) पर निगरानी और गश्त को बढ़ा दिया गया है। रक्षा सूत्रों के अनुसार सीमा पर गतिविधियों में बढ़ोतरी देखी जा रही है, और दोनों देशों की सेनाएं पूरी तरह सतर्क हैं। यह स्थिति बेहद संवेदनशील बनी हुई है और किसी भी अप्रत्याशित स्थिति के लिए तैयार रहने के निर्देश जारी किए गए हैं।
राजनयिक स्तर पर भी हो रही हलचल
भारत द्वारा एयरस्पेस बंद करने और पाकिस्तान द्वारा नो-फ्लाई ज़ोन लागू करने जैसे कदम सिर्फ सैन्य दृष्टि से ही नहीं, बल्कि राजनयिक रूप से भी एक संदेश हैं। यह दिखाता है कि दोनों देश एक-दूसरे की हर गतिविधि पर नज़र रखे हुए हैं और सख्त प्रतिक्रिया देने के लिए तत्पर हैं।
तनावपूर्ण हालात में बढ़ी सतर्कता
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव ने क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए एक गंभीर चुनौती खड़ी कर दी है। भारत द्वारा एयरस्पेस बंद करना और पाकिस्तान की ओर से नो-फ्लाई ज़ोन घोषित करना, दोनों देशों की सुरक्षा नीतियों में आक्रामक रुख को दर्शाता है। ऐसे में आने वाले दिनों में स्थिति पर करीब से नज़र रखना बेहद जरूरी है।
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