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भारत-अमेरिका ट्रेड डील पर फिर होगी बातचीत…टैरिफ विवाद के बाद ट्रंप ने भेजा अपना खास अधिकारी

Tariff on India : भारत और अमेरिका के बीच पिछले कुछ समय से टैरिफ (शुल्क) विवाद के चलते व्यापारिक रिश्तों में खटास आ गई थी। हालांकि, अब इन रिश्तों में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है। दोनों देश एक बार फिर से ट्रेड डील (व्यापार समझौता) को लेकर बातचीत की मेज पर बैठने जा रहे हैं। मंगलवार, 16 सितंबर को नई दिल्ली में होने वाली इस उच्च स्तरीय बैठक में व्यापार से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होगी।इस बैठक को लेकर दोनों देशों की ओर से सकारात्मक संकेत मिले हैं, और उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार बातचीत का रुख समझदारी और समाधान की ओर होगा।

ट्रंप ने लगाया था 50 प्रतिशत टैरिफ, बिगड़ गए थे संबंध

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50 प्रतिशत तक टैरिफ लगा दिया था, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव काफी बढ़ गया था। ट्रंप ने पहले 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया और बाद में भारत द्वारा रूस से तेल खरीदने के कारण उस पर और 25 प्रतिशत का शुल्क जोड़ दिया।इस टैरिफ वृद्धि के कारण छठे दौर की व्यापारिक बातचीत को स्थगित कर दिया गया था। इसके बाद से दोनों देशों के बीच ट्रेड डील पर कोई खास प्रगति नहीं हो सकी थी।

अमेरिका ने भेजा ट्रंप का करीबी अधिकारी भारत

अब जब दोनों पक्षों में फिर से बातचीत शुरू करने की इच्छा दिखाई दे रही है, अमेरिका ने इस बार अपने मुख्य व्यापार वार्ताकार और ट्रंप के करीबी माने जाने वाले ब्रेंडन लिंच को भारत भेजने का फैसला लिया है। ब्रेंडन लिंच भारत में भारतीय प्रतिनिधिमंडल के साथ व्यापारिक मुद्दों पर चर्चा करेंगे।भारत की ओर से वार्ता का नेतृत्व वाणिज्य मंत्रालय में विशेष सचिव राजेश अग्रवाल करेंगे। अग्रवाल ने साफ किया है कि यह बैठक छठे दौर की औपचारिक वार्ता नहीं है, बल्कि यह एक व्यापारिक चर्चा है, जिससे यह समझने की कोशिश की जाएगी कि दोनों देश किस दिशा में आगे बढ़ सकते हैं।वहीं वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने इस पहल का स्वागत करते हुए कहा है कि भारत और अमेरिका के बीच सकारात्मक और रचनात्मक बातचीत की उम्मीद है।

अब तक क्या हुआ भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता में?

भारत और अमेरिका के बीच मार्च 2025 से अब तक पांच दौर की व्यापार वार्ता हो चुकी है। पहली बैठक 26 से 29 मार्च के बीच हुई थी। इसके कुछ दिन बाद, 2 अप्रैल को ट्रंप ने सभी देशों पर 10 प्रतिशत बेसलाइन टैरिफ लागू करने का ऐलान किया, जिससे भारत पर कुल 26 प्रतिशत टैरिफ लग गया।
इसके बाद 5 अप्रैल को ये टैरिफ आधिकारिक रूप से लागू हुआ। फिर, 21 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी सीनेटर जेडी वेंस से मुलाकात की। इसके बाद 14 से 18 जुलाई तक पांचवें दौर की बातचीत सफलतापूर्वक हुई।हालांकि, इसके तुरंत बाद एक बार फिर से अमेरिका द्वारा टैरिफ बढ़ा दिया गया, जिससे बातचीत की प्रक्रिया अस्थायी रूप से रुक गई।

क्या फिर से पटरी पर लौटेगी ट्रेड डील?

ब्रेंडन लिंच की भारत यात्रा और नई दिल्ली में होने वाली बैठक को लेकर यह उम्मीद की जा रही है कि भारत-अमेरिका व्यापारिक रिश्तों में फिर से गति आएगी। दोनों देशों के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) जैसे अहम मुद्दे भी चर्चा में आ सकते हैं।टैरिफ विवाद के बाद जिस तरह से रिश्तों में खटास आई थी, अब उसी को डिप्लोमैटिक और कारोबारी स्तर पर सुलझाने की कोशिशें हो रही हैं। अगर बातचीत सकारात्मक दिशा में जाती है, तो आने वाले महीनों में भारत और अमेरिका के बीच नई व्यापार नीति का रास्ता खुल सकता है।

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