Indian Hockey Team:भारतीय हॉकी टीम के स्टार खिलाड़ी मनप्रीत सिंह ने कहा कि पेरिस ओलंपिक्स में जीता गया ब्रॉन्ज मेडल टीम के गोलकीपर पीआर श्रीजेश को समर्पित है। भारतीय टीम ने ओलंपिक्स में शानदार प्रदर्शन करते हुए स्पेन को 2-1 से हराकर यह ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया। यह जीत भारत के लिए ऐतिहासिक है, क्योंकि भारत ने 52 साल बाद ओलंपिक्स में बैक-टू-बैक मेडल्स जीते हैं।
“मेडल पूरी टीम की तरफ से श्रीजेश को समर्पित”
मैच के बाद प्रसारणकर्ता से बातचीत करते हुए मनप्रीत सिंह ने भावुक होते हुए कहा, ”हम ब्रॉन्ज मेडल पीआर श्रीजेश को समर्पित करना चाहते हैं क्योंकि यह उनका आखिरी मैच था। मैंने उनके साथ 13 साल बिताए हैं। हम दोनों ने बहुत कुछ देखा और अनुभव किया है। यह ब्रॉन्ज मेडल पूरी टीम की तरफ से श्रीजेश को समर्पित है। ब्रॉन्ज मेडल सुरक्षित करके हम सभी बहुत खुश हैं।”
इस जीत के साथ, भारतीय हॉकी टीम ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वह विश्व स्तर पर मजबूत दावेदार है। श्रीजेश के करियर का यह समापन एक यादगार तरीके से हुआ, और टीम ने उन्हें इस जीत का सबसे बड़ा सम्मान दिया।
- पीआर श्रीजेश का करियर: पीआर श्रीजेश भारतीय हॉकी टीम के सबसे अनुभवी और सम्मानित गोलकीपरों में से एक रहे हैं। उनके करियर में कई महत्वपूर्ण मोड़ आए हैं, जिसमें 2021 के टोक्यो ओलंपिक में जीता गया ब्रॉन्ज मेडल भी शामिल है। श्रीजेश की उत्कृष्ट गोलकीपिंग और टीम को मुसीबत से निकालने की उनकी क्षमता ने उन्हें भारतीय हॉकी में एक अनमोल खिलाड़ी बना दिया।
- टीम इंडिया का सफर: भारतीय हॉकी टीम का पेरिस ओलंपिक्स में सफर बेहद चुनौतीपूर्ण और प्रेरणादायक रहा। टीम ने कठिन मैचों में अपनी धैर्य और दृढ़ता का परिचय दिया। इस जीत से भारतीय हॉकी का गौरव फिर से स्थापित हुआ है, और यह 52 साल बाद लगातार दो ओलंपिक मेडल जीतने वाली भारतीय टीम बनी है।
- मैच का महत्वपूर्ण पल: भारत और स्पेन के बीच खेले गए इस मैच में भारतीय टीम की एकजुटता और मजबूत डिफेंस ने अहम भूमिका निभाई। मैच का निर्णायक क्षण तब आया जब भारत ने 2-1 की बढ़त बनाई और श्रीजेश ने गोलकीपर के रूप में शानदार प्रदर्शन किया, जिससे टीम ने अपनी बढ़त बनाए रखी और आखिरकार जीत दर्ज की।
- भावनात्मक विदाई: पीआर श्रीजेश का यह आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच था, और इस जीत के साथ उन्होंने अपने शानदार करियर को अलविदा कहा। मनप्रीत सिंह और अन्य खिलाड़ियों ने उनके साथ बिताए वर्षों की यादों को ताजा करते हुए उन्हें इस मेडल को समर्पित किया। यह भावनात्मक क्षण पूरे देश के लिए गर्व का विषय बना।
- भारतीय हॉकी का भविष्य: श्रीजेश जैसे अनुभवी खिलाड़ी की विदाई के बाद, भारतीय हॉकी टीम के भविष्य को लेकर उम्मीदें और भी बढ़ गई हैं। टीम की युवा प्रतिभाएं और उनका प्रदर्शन आने वाले समय में भारतीय हॉकी को और ऊंचाइयों पर ले जाने की क्षमता रखता है।