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महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में आग से शिशुओं की मौत, 6 लापता

नवजात शिशुओं के एसएनसीयू में आग लगने से बड़ा हादसा, गंभीर जांच शुरू

महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के नवजात शिशु गहन चिकित्सा वार्ड (एसएनसीयू) में शुक्रवार रात लगी आग से दस नवजात शिशुओं की जान चली गई, जबकि छह अन्य अभी भी लापता हैं। यह हादसा शुक्रवार रात करीब पौने ग्यारह बजे हुआ, जब शार्ट सर्किट के कारण ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में आग लग गई। हादसे के बाद अफरातफरी मच गई और अस्पताल में भारी भीड़ जुट गई। इस आगजनी के बाद शनिवार सुबह उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और स्वास्थ्य मंत्री ने घटनास्थल का दौरा किया और पीड़ितों को सहायता देने के निर्देश दिए। हालांकि, अग्निकांड के 36 घंटे बाद भी स्थिति पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हो पाई है, और अभी तक केवल सात बच्चों की पहचान हो पाई है, जबकि छह बच्चों का पता नहीं चल सका है।

मृतकों और घायल बच्चों की जानकारी

हादसे में झांसी, ललितपुर, हमीरपुर और जालौन जिलों के नवजात शिशुओं की मौत हुई है। मृतकों में ललितपुर की पूजा, संजना और भगवती के बेटे, हमीरपुर की नजमा की जुड़वा बेटियां, झांसी की पूनम की बेटी और संध्या के बेटे शामिल हैं। साथ ही, एसएनसीयू में भर्ती 55 बच्चों में से चार की हालत गंभीर बनी हुई है, जबकि एक बच्चे को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। अन्य झांसी के अस्पतालों में भर्ती 22 बच्चों में से आठ की हालत गंभीर बताई जा रही है। एसएनसीयू में कुल 55 बच्चे भर्ती थे, जिनमें से छह अब भी लापता हैं। इन बच्चों के बारे में जानकारी के लिए प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर 6389831357 जारी किया है।

तीन स्तरीय जांच और सख्त कार्रवाई के आदेश

इस हादसे के बाद, उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने त्रिस्तरीय जांच का आदेश दिया है। जांच के लिए तीन टीमें बनाई गई हैं: एक स्वास्थ्य विभाग की टीम, दूसरी पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम, और तीसरी मजिस्ट्रेट जांच। तीनों टीमों का मुख्य उद्देश्य आग लगने के कारण का पता लगाना है। अगर लापरवाही पाई जाती है तो दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। रिपोर्ट सात दिनों के भीतर शासन को सौंपने का आदेश दिया गया है।

मंडलायुक्त बिमल कुमार दुबे ने भी शनिवार को घटनास्थल पर जांच शुरू कर दी। ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों, नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ के बयान दर्ज किए गए, और उनकी रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

पीड़ित परिवारों को मुआवजा और सरकारी मदद

इस हादसे में मृतकों के परिजनों को केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से मुआवजा दिया जाएगा। प्रत्येक मृतक के परिवार को सात लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा, जिसमें राज्य सरकार की ओर से पांच लाख और केंद्र सरकार की ओर से दो लाख रुपये होंगे। घायलों को 50,000 रुपये मुआवजा मिलेगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हादसे पर शोक व्यक्त करते हुए मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना जताई और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की है। वहीं, नवजातों के परिजनों के प्रति संवेदना जताते हुए, जिन शिशुओं की शिनाख्त नहीं हो पाई, उनकी डीएनए जांच कराने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। डीएनए जांच के बाद ही उन बच्चों को उनके माता-पिता के हवाले किया जाएगा।

महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के एसएनसीयू में आग लगने के बाद जो त्रासदी हुई है, वह बेहद दुखद है। इस हादसे में कई मासूमों की जान चली गई और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हैं। प्रशासन ने इस घटना की गंभीरता को समझते हुए त्वरित कार्रवाई शुरू की है, और जांच के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने का वादा किया है। साथ ही, पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने के साथ-साथ शिशुओं के पुनः पहचान के लिए डीएनए जांच का भी आदेश दिया गया है।

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