रेलवे बोर्ड ने हाल ही में हुई रेल दुर्घटनाओं के बाद स्वचालित सिग्नलिंग क्षेत्र में सिग्नल विफलता को देखते हुए अपने सभी मंडलों को लोको पायलटों के प्रशिक्षण व्यवस्था में एकरूपता लाने के निर्देश दिए हैं।
वर्तमान प्रशिक्षण व्यवस्था
13 जुलाई को जारी सर्कुलर में बोर्ड ने कहा कि विभिन्न रेलवे मंडल स्वचालित सिग्नलिंग क्षेत्र (Automatic Signalling Areas) में काम करने के लिए रनिंग स्टाफ के लिए अलग-अलग प्रशिक्षण व्यवस्था का पालन कर रहे हैं। इससे प्रशिक्षण में भिन्नता आ रही है, जिसे दूर करने की आवश्यकता है।
सुझाव और निर्देश
बोर्ड ने सुझाव दिया है कि मुख्य लोको निरीक्षक (सीएलआइ) हर छह महीने में लोको पायलटों और उनके सहायकों की एक दिवसीय गहन काउंसलिंग करें और इसके बाद बहुविकल्पीय प्रश्नों के साथ योग्यता की परीक्षा लें। काउंसलिंग के दौरान एनिमेटेड वीडियो के माध्यम से स्वचालित सिग्नलिंग क्षेत्र में कार्य करने की प्रणाली और आमतौर पर की जाने वाली गलतियों पर जोर दिया जाना चाहिए।
नए स्वचालित सिग्नलिंग क्षेत्र में प्रशिक्षण
जब भी नए स्वचालित सिग्नलिंग क्षेत्र की शुरुआत की जाएगी, सीएलआइ दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करेगा और योग्यता प्रमाण पत्र जारी करेगा। नए स्वचालित क्षेत्र के शुरूआत के पहले वर्ष में हर दो महीने में सभी लोको पायलटों और सहायक लोको पायलटों की काउंसलिंग सुनिश्चित की जाएगी, उसके बाद हर छह महीने में यह काउंसलिंग होगी।
सीएलआइ के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम
बोर्ड ने क्षेत्रीय रेलवे प्रशिक्षण संस्थान (जेडआरटीआइ) में सीएलआइ के लिए हर तीन साल में तीन दिन का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने की भी सिफारिश की है ताकि वे अपनी जानकारी और कौशल को अद्यतित रख सकें।