UP Police Salary: उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग में हाल ही में एक गंभीर समस्या सामने आई है, जिसमें कई पुलिसकर्मियों को उनकी वास्तविक सैलरी से ज्यादा भुगतान किया गया। यह गड़बड़ी वेतन निर्धारण में हुई त्रुटियों की वजह से हुई, जिसके परिणामस्वरूप रिकवरी में समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। इस मामले में उच्च न्यायालय ने हस्तक्षेप किया और वेतन निर्धारण में हुई गलती को सुधारने के लिए निर्देश जारी किए।
हाई कोर्ट का निर्देश और डीजीपी की कार्रवाई
हाई कोर्ट ने इस मुद्दे पर सुनवाई करते हुए पुलिस विभाग को वेतन निर्धारण में सुधार करने का आदेश दिया। इसके बाद, डीजीपी प्रशांत कुमार ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए वेतन निर्धारण और अन्य भत्तों में हुई गड़बड़ियों को ठीक करने के लिए संबंधित अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए। डीजीपी ने यह भी निर्देश दिया कि गृह विभाग को एक कार्ययोजना भेजी जाए, जिससे ऐसी गड़बड़ियां भविष्य में न हों।
जिला स्तर पर जांच कमेटी की स्थापना
वेतन निर्धारण में सुधार के लिए डीजीपी ने एक कदम आगे बढ़ते हुए जिला स्तर पर एक वेतन जांच कमेटी गठित करने का निर्देश दिया है। यह कमेटी एसपी/एएसपी की अध्यक्षता में बनाई जाएगी, और इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी कर्मियों का वेतन सही तरीके से तय हो और किसी प्रकार की गड़बड़ी की पुनरावृत्ति न हो।
सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए नए निर्देश
डीजीपी ने यह भी कहा कि सेवानिवृत्त होने से पहले सभी कर्मचारियों के देयों का भुगतान पूरी तरह से सही तरीके से किया जाना चाहिए, ताकि भविष्य में सेवानिवृत्त कर्मचारियों से अनियमित भुगतान की रिकवरी का कोई मुद्दा न बने। वेतन निर्धारण के लिए शासन ने पहले ही विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर रखे हैं, जिनका पालन करते हुए सभी कर्मचारियों को उनके उपयुक्त भत्ते और वेतन का भुगतान समय पर किया जाएगा।
भविष्य में क्या कदम उठाए जाएंगे?
वेतन निर्धारण की प्रक्रिया को पूरी तरह से पारदर्शी और सही बनाने के लिए पुलिस विभाग अब एक सख्त नीति बनाएगा। इसके तहत अधिकारियों और कर्मचारियों की समीक्षा की जाएगी, ताकि किसी भी प्रकार की गलतफहमी और गड़बड़ी से बचा जा सके। विभाग इस कदम से यह सुनिश्चित करना चाहता है कि भविष्य में किसी भी कर्मचारी को गलत वेतन का भुगतान न हो और रिकवरी की कोई समस्या न आए।