Vaishno Devi Landslide:कटड़ा से श्रद्धालुओं के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है। भूस्खलन के कारण 22 दिनों से स्थगित मां वैष्णो देवी यात्रा को फिर से शुरू कर दिया गया है। तीर्थयात्रियों के चेहरों पर एक बार फिर खुशी और भक्ति का उत्साह नजर आया जब श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड (SMVDSB) ने यात्रा बहाल करने की घोषणा की।इससे पहले भूस्खलन की गंभीर घटनाओं में 34 लोगों की जान चली गई थी, जिसके बाद सुरक्षा कारणों से यात्रा को अस्थायी रूप से रोक दिया गया था। यात्रा मार्ग पर मलबा और बारिश की वजह से हालात बिगड़ गए थे। कटड़ा से भवन तक का मार्ग खतरनाक हो गया था, जिसके चलते श्राइन बोर्ड ने तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए यात्रा स्थगित कर दी थी।
श्रद्धालुओं में उमंग, “जय माता दी” के नारों से गूंजा कटड़ा
श्राइन बोर्ड ने आज सुबह एक आधिकारिक बयान में बताया कि मौसम की अनुकूलता और रास्ते की स्थिति की समीक्षा के बाद, यात्रा को फिर से सुचारू रूप से शुरू किया गया है। इसके साथ ही सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं, ताकि किसी भी प्रकार की अनहोनी से बचा जा सके।कटड़ा शहर, जो वैष्णो देवी यात्रा का मुख्य आधार शिविर है, वहां भक्तों में जबरदस्त उत्साह देखा गया। “जय माता दी” के नारे एक बार फिर हवाओं में गूंज उठे। देश के अलग-अलग हिस्सों से आए श्रद्धालु, जो पिछले कई दिनों से यात्रा फिर शुरू होने का इंतजार कर रहे थे, वे अब भक्ति और विश्वास के साथ यात्रा के लिए तैयार हैं।
यात्रा मार्ग पर विशेष इंतजाम, प्रशासन ने दिए दिशा-निर्देश
यात्रा फिर से शुरू होने के बाद प्रशासन और श्राइन बोर्ड ने कड़ी निगरानी और दिशा-निर्देशों के पालन की अपील की है। मार्ग की नियमित सफाई, CCTV कैमरों की निगरानी और हेल्थ चेक-अप कैंप की व्यवस्था की गई है।श्रद्धालुओं से आग्रह किया गया है कि वे यात्रा के दौरान प्रशासन द्वारा जारी की गई सुरक्षा गाइडलाइंस का पालन करें, भीड़भाड़ से बचें, और मौसम की स्थिति पर अपडेट लेते रहें।विशेष रूप से बुजुर्ग तीर्थयात्रियों और बच्चों के लिए अलग से स्वास्थ्य सेवाओं और मदद केंद्रों की व्यवस्था भी की गई है।
भक्ति की डोर फिर से जुड़ी, उम्मीदों को मिला सहारा
भूस्खलन की त्रासदी ने जहां कई परिवारों को शोक में डुबो दिया था, वहीं यात्रा का दोबारा शुरू होना आस्था का पुनर्जन्म माना जा रहा है। देशभर से श्रद्धालु अब फिर से मां के दरबार में अपनी हाजिरी लगाने को उत्साहित हैं।यह यात्रा सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि लाखों लोगों के विश्वास और श्रद्धा का प्रतीक है, और इसका फिर से आरंभ होना जनमानस के लिए सुकून और संतोष की खबर है।

