Jaya Bachchan: जया बच्चन (Jaya Bachchan) हमेशा से ही अपनी प्रभावशाली और दमदार आवाज के लिए जानी जाती हैं। वे अक्सर मामलों पर चुप रहती हैं, लेकिन जब भी बोलती हैं, तो बड़े-बड़े लोगों की बोलती बंद कर देती हैं। इसी प्रकार का दृश्य राज्यसभा के चल रहे सत्र में देखने को मिला। उनकी बातें सुनने के बाद सभापति जगदीप धनखड़ ने भी उन्हें गंभीरता से सुनने की आवश्यकता बताई।
जया बच्चन की मजेदार टिप्पणी
मामला तब का है जब केरल के एक सांसद द्वारा पेश किए गए प्राइवेट मेंबर बिल पर चर्चा हो रही थी। इस पर कांग्रेस सांसद शक्ति सिंह गोहिल ने अपने विचार रखे। इसी बीच, जब सभापति कुछ कह रहे थे, तभी जया बच्चन खड़ी हो गईं। सभापति ने हेडफोन लगाते हुए जया से एक सेकंड रुकने का इशारा किया और फिर उन्हें बोलने की अनुमति दी। उन्होंने कहा, “आपकी हल्की-फुल्की टिप्पणी को मुझे गंभीरता से सुनना होगा और आपकी बहुत हल्की-फुल्की टिप्पणी पर मुझे बहुत गंभीर होना पड़ेगा।”
राज्यसभा में हंसी का माहौल
जया बच्चन ने कहा, “सर! मैं जया अमिताभ बच्चन आपसे पूछ रही हूं।” यह सुनते ही सभापति डायस पर हाथ पीटकर हंसने लगे और उनके साथ राज्यसभा में मौजूद सभी सांसद भी हंसने लगे। जया भी खुद हंसने लगीं। इसके बाद जया ने मजाक में पूछा, “आपको आज लंच ब्रेक मिला, नहीं मिला, तभी आप बार-बार जयरामजी (जयराम रमेश) का नाम ले रहे हैं। उनका नाम लिए बगैर आपका खाना हजम ही नहीं होता।”
सभापति का जवाब और सदन में ठहाके
सभापति हेडफोन निकालते हुए बोले, “एक चीज लाइटर नोट पर बताऊं… मैंने लंच रीसेस में लंच नहीं किया। उसके बाद लंच जयरामजी के साथ किया।” यह सुनकर सदन दोबारा ठहाकों से गूंज उठा। आगे सभापति बोले, “माननीय सदस्य, मैं आपको यह भी बताना चाहता हूं कि यह पहली बार हो सकता है कि मैं आपका और अमिताभ जी दोनों का फैन हूं।” जया ने फिर पूछा, “ऐसा क्यों?” इस पर सभापति धनखड़ ने कहा, “ऐसा कोई कपल मुझे मिला नहीं।”
जया बच्चन का पूर्व का अनुभव
हाल ही में उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह द्वारा जया अमिताभ बच्चन कहे जाने पर जया बच्चन ने कहा था कि “सर केवल जया बच्चन ही काफी होतीं।” उन्होंने यह भी बताया था कि यह नया नहीं है कि महिलाएं अपने पतियों के नाम से पहचानी जाती हैं, जैसे कि उनका अपना कोई अस्तित्व या उपलब्धियां नहीं हैं।
राज्यसभा में जया बच्चन की इस मजेदार और प्रभावशाली प्रस्तुति ने एक बार फिर साबित किया कि वे अपने शब्दों से लोगों को प्रभावित करने में माहिर हैं। उनकी यह प्रस्तुति सदन में एक हल्का और खुशहाल माहौल बनाने में सफल रही।