Kamika Ekadashi: कामिका एकादशी को भारतीय पौराणिक संस्कृति में विशेष महत्व दिया जाता है। यह एकादशी श्रावण माह के कृष्ण पक्ष में पड़ती है और ‘कामिका एकादशी’ के नाम से भी जानी जाती है। इस व्रत का महत्व और मुहूर्त जानने के लिए पढ़ें।
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल की कामिका एकादशी 31 जुलाई को है। यह व्रत सावन माह के पहले एकादशी होती है और इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से मनुष्य के सभी पापों का नाश होता है।
व्रत की महत्वपूर्ण तिथियां और मुहूर्त
कामिका एकादशी का पूर्व संध्या समय 30 जुलाई को शाम 4 बजकर 44 मिनट से आरम्भ होगा और 31 जुलाई को दोपहर 3 बजकर 55 मिनट पर समाप्त होगा। इस अवसर पर भगवान विष्णु की पूजा और व्रत की समाप्ति का समय दोपहर 3 बजकर 28 मिनट पर है।
शुभ मुहूर्त और पूजा का तरीका
कामिका एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त का समय सुबह 4 बजकर 18 मिनट से सुबह 5 बजकर तक होगा, जो स्नान के लिए उत्तम माना जाता है। सूर्योदय 5 बजकर 42 मिनट पर होगा और इसके बाद से ही भगवान विष्णु की पूजा का आरम्भ किया जा सकता है।
पारण का समय और महत्व
इस व्रत के पारण का समय 1 अगस्त को सुबह 5 बजकर 43 मिनट से सुबह 8 बजकर 24 मिनट तक है। व्रत की समाप्ति और द्वादशी तिथि का समापन दोपहर 3 बजकर 28 मिनट पर होगा। इस दिन को ध्यान और भगवान विष्णु की पूजा से व्यक्ति को सर्वार्थ सिद्धि योग मिलता है।
कामिका एकादशी व्रत में भगवान विष्णु की पूजा करने से सर्वार्थ सिद्धि होती है और इस व्रत का पालन करने से स्नान के समान पुण्य प्राप्त होता है। इसी दिन को धार्मिक दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है और इसके पावन अवसर पर भगवान विष्णु की अराधना से सभी मानवीय कष्टों का निवारण होता है।