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कंगना रनौत के कृषि कानूनों पर बयान से बवाल: राकेश टिकैत का तीखा पलटवार

राकेश टिकैत ने किया कंगना के बयान का विरोध

भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने भाजपा सांसद कंगना रनौत के हाल ही में दिए गए बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। टिकैत ने कंगना के उस बयान की निंदा की है, जिसमें उन्होंने कहा था कि सरकार द्वारा निरस्त किए गए तीनों कृषि कानूनों को वापस लाया जाना चाहिए। टिकैत ने तंज कसते हुए कहा कि कंगना में “बचपना” बहुत है और उनके इस तरह के बयानों से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को नुकसान हो सकता है।

कंगना का बयान: निजी विचार या पार्टी की सोच?

कंगना रनौत ने अपने बयान में कहा था कि जो कृषि कानून वापस लिए गए हैं, उन्हें किसानों के हित में फिर से लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह एक विवादास्पद विषय हो सकता है, लेकिन किसानों को खुद इन कानूनों की मांग करनी चाहिए ताकि उनकी समृद्धि में कोई रुकावट न आए। कंगना ने इस बयान को निजी बताते हुए कहा कि यह उनके व्यक्तिगत विचार हैं और इसका पार्टी के रुख से कोई संबंध नहीं है।

हालांकि, किसान नेता राकेश टिकैत ने कंगना के इस बयान को न केवल गैर-जिम्मेदाराना बताया बल्कि यह भी कहा कि इससे भाजपा की छवि को नुकसान पहुंच सकता है। टिकैत ने यह भी स्पष्ट किया कि कृषि कानूनों को लेकर किसानों का संघर्ष अब समाप्त हो चुका है, और इस तरह के बयानों से किसानों को उकसाने की कोशिश नहीं होनी चाहिए।

राजनीतिक विश्लेषकों की राय

राजनीतिक विश्लेषक प्रोफेसर सौरभ मालवीय ने कंगना रनौत के बयान पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह कंगना का निजी बयान है, जैसा कि उन्होंने खुद स्पष्ट किया है। मालवीय ने यह भी बताया कि जब सरकार ने कृषि कानूनों को वापस लिया, तो उसने यह कदम बड़े दिल से उठाया, यह समझते हुए कि कानून किसानों के बीच विवाद का कारण बन गए थे। भले ही सरकार के पास बहुमत था, लेकिन किसानों की भावनाओं का सम्मान करते हुए सरकार ने कानूनों को निरस्त कर दिया।

मालवीय के अनुसार, यह स्थिति कंगना के निजी विचारों से बहुत अलग है और सरकार की नीतियों का इससे कोई संबंध नहीं है। सरकार ने पहले ही किसानों की मांगों को समझते हुए कृषि कानूनों को वापस ले लिया था, और इस प्रकार की बयानबाजी से मुद्दा फिर से भड़क सकता है।

कांग्रेस का आरोप: भाजपा कानूनों को फिर से लाने की कर रही है कोशिश

इस बीच, कांग्रेस ने कंगना रनौत के बयान का हवाला देते हुए भाजपा पर निशाना साधा। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा करते हुए आरोप लगाया कि भाजपा अब फिर से 2021 में निरस्त किए गए तीन कृषि कानूनों को लागू करने की कोशिश कर रही है। श्रीनेत ने कहा कि इन काले कानूनों का विरोध करते हुए 750 से अधिक किसान शहीद हो गए थे, और अब भाजपा सांसद कंगना रनौत इस मुद्दे को फिर से उठाकर किसानों को भड़काने का प्रयास कर रही हैं।

कांग्रेस का कहना है कि भाजपा हरियाणा और अन्य राज्यों में इन कानूनों को वापस लाने की कोशिश कर रही है, और जनता इसका करारा जवाब देगी। कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर भाजपा को घेरने की कोशिश की है, यह दावा करते हुए कि पार्टी की नीतियों के चलते किसान फिर से संकट में आ सकते हैं।

कंगना रनौत के कृषि कानूनों पर दिए गए बयान ने एक बार फिर से सियासी हलचल मचा दी है। राकेश टिकैत और कांग्रेस ने जहां इस बयान का कड़ा विरोध किया है, वहीं भाजपा और उसके समर्थक इसे कंगना का व्यक्तिगत बयान मानकर नजरअंदाज कर रहे हैं। हालांकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि इस बयान के बाद किसान और राजनीतिक दल किस तरह की प्रतिक्रिया देंगे और क्या यह मुद्दा फिर से बड़ा विवाद खड़ा करेगा।

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