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केजरीवाल ने खेला ‘जाट’ कार्ड, पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी: दिल्ली के जाटों को आरक्षण क्यों नहीं?

Delhi assembly election: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर निशाना साधते हुए जाट समुदाय के अधिकारों का सवाल उठाया है। केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी लिखकर राजस्थान में जाट समाज को मिलने वाले आरक्षण की तुलना दिल्ली के जाट समाज से की। उनका कहना है कि पिछले 10 वर्षों से केंद्र सरकार ने दिल्ली के जाट समाज के साथ धोखा किया है, और अब यह वक्त है कि दिल्ली के जाटों को भी वही अधिकार मिले, जो राजस्थान के जाटों को मिल रहे हैं।

केजरीवाल की चिट्ठी: जाट समाज को आरक्षण दिलाने की मांग

केजरीवाल ने अपनी चिट्ठी में सवाल उठाया कि अगर राजस्थान में जाट समाज को आरक्षण मिल सकता है तो दिल्ली में क्यों नहीं? उन्होंने यह मुद्दा बीजेपी द्वारा किए गए वादों की ओर इशारा करते हुए उठाया, जो कि केंद्र सरकार के सत्ता में आने से पहले और बाद में जाट समुदाय को आरक्षण देने का वादा करती रही है। उनके अनुसार, राजस्थान में जाटों को आरक्षण देने के फैसले के बावजूद, दिल्ली के जाट समाज की उपेक्षा की जा रही है, जिससे वे खुद को राजनीतिक दृष्टि से कमजोर महसूस कर रहे हैं।

बीजेपी पर आरोप: जाट समाज के साथ धोखा

अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने जाट समाज से बार-बार वादे किए, लेकिन उन्हें पूरी तरह से नकारा कर दिया। उनका कहना है कि दिल्ली के जाट समुदाय को केंद्र सरकार से कोई सहायता नहीं मिली, जबकि राजस्थान में जाटों को आरक्षण देने के लिए राज्य सरकार ने तुरंत कदम उठाए। केजरीवाल का यह आरोप है कि बीजेपी सिर्फ चुनावी लाभ के लिए जाट समाज के वोटों का इस्तेमाल करती है, लेकिन सत्ता में आने के बाद उनकी समस्याओं की अनदेखी की जाती है।

राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मुद्दा

जाट समुदाय का आरक्षण एक संवेदनशील और महत्वपूर्ण मुद्दा है, जो खासकर राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली जैसे राज्यों में चर्चा का विषय रहा है। जाट समाज, जो कि एक मजबूत मतदाता वर्ग है, अपने अधिकारों के लिए अक्सर आंदोलन करता रहा है। केजरीवाल का यह कदम उनकी राजनीति में एक नई दिशा को दर्शाता है, जिसमें वे दिल्ली के जाट समाज को बीजेपी से नाराज करने का अवसर देख रहे हैं।

जाट आरक्षण के मुद्दे

अरविंद केजरीवाल का जाट आरक्षण के मुद्दे पर पीएम मोदी से सवाल पूछना दिल्ली में आगामी चुनावों के मद्देनजर एक रणनीतिक कदम हो सकता है। उनके इस कदम से यह साफ है कि वे दिल्ली के जाट समाज के मुद्दे को चुनावी प्रचार का हिस्सा बनाने की कोशिश कर रहे हैं। यह एक प्रयास है जो बीजेपी के खिलाफ अपनी स्थिति को मजबूत करने का संकेत देता है, साथ ही साथ जाट समुदाय के बीच अपनी पकड़ को भी मजबूत करना चाहता है।

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