राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर से हलचल मच गई है, जब राज्य के पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने रविवार को कैबिनेट मीटिंग में हिस्सा लिया। यह लगभग तीन महीने बाद था जब मीणा किसी कैबिनेट बैठक में शामिल हुए। मीणा के इस कदम को राजनीतिक गलियारों में नए सियासी दांव के रूप में देखा जा रहा है, और इसके कई मायने निकाले जा रहे हैं।
मंत्री पद से इस्तीफा और मुद्दों पर मीणा की सक्रियता
डॉ. किरोड़ी लाल मीणा, जो पहले भजनलाल शर्मा सरकार में कैबिनेट मंत्री थे, ने कुछ समय पहले मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। लेकिन हाल के दिनों में मीणा राज्य के कई मुद्दों पर सक्रिय रहे हैं। उन्होंने विभिन्न मंत्रियों और अधिकारियों से मुलाकात की है और एसआई भर्ती परीक्षा को रद्द करने की मांग जोरदार ढंग से उठाई है। इस मुद्दे को लेकर मीणा ने पुलिस के आला अफसरों के साथ भी बातचीत की, और यहां तक कि मुख्यमंत्री और गृह राज्य मंत्री से भी मुलाकात करके एसआई भर्ती परीक्षा रद्द करने की मांग रखी।
मीणा की कैबिनेट बैठक में वापसी और इसके सियासी संकेत
रविवार की शाम को, डॉ. किरोड़ी लाल मीणा अपनी निजी गाड़ी से सचिवालय पहुंचे और कैबिनेट की बैठक में भाग लिया। इस मौके पर उनके साथ न तो पुलिसकर्मी थे और न ही किसी प्रकार का सरकारी प्रोटोकॉल दिखा। यह बात राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बनी रही। मीणा के इस बैठक में शामिल होने के बाद सियासी माहौल गर्म हो गया, और इसके अलग-अलग अर्थ निकाले जा रहे हैं। कुछ लोग इसे मीणा के नए राजनीतिक कदम के रूप में देख रहे हैं, जिसमें वह अपनी सक्रियता फिर से बढ़ा रहे हैं।
एसआई भर्ती परीक्षा और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर मीणा की मांग
सूत्रों का कहना है कि मीणा को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कैबिनेट बैठक में शामिल होने के लिए दो दिन पहले ही कह दिया था। इसके बाद मीणा बैठक में शामिल होने के लिए राजी हुए। मीणा के एजेंडे में एसआई भर्ती परीक्षा को रद्द कराने और डीओपीटी विभाग में हुए भ्रष्टाचार के मुद्दे प्रमुख थे। कैबिनेट की बैठक में शामिल होकर उन्होंने इन दोनों मुद्दों पर जोर दिया। इसके अलावा, उन्हें बैठक में सभी वरिष्ठ नेताओं का भी समर्थन मिला, जिससे उनकी राजनीतिक वापसी को मजबूती मिली।
मीणा का सियासी भविष्य
डॉ. किरोड़ी लाल मीणा की इस बैठक में वापसी को उनके राजनीतिक करियर का नया अध्याय माना जा रहा है। मीणा ने इस कदम के जरिए यह संकेत दिया है कि वह राज्य की राजनीति में फिर से एक प्रमुख भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं। उनकी मांगें और उनका मुद्दों पर खुलकर बोलना यह दर्शाता है कि वह राज्य के राजनीतिक परिदृश्य में अपनी जगह फिर से पुख्ता करना चाहते हैं।
नतीजे और आगे की रणनीति
इस बैठक के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि मीणा की सक्रियता राज्य की राजनीति में क्या बदलाव लाती है। एसआई भर्ती परीक्षा और भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर उनकी मांगें किस हद तक पूरी होती हैं, यह भी उनकी राजनीतिक सफलता का पैमाना हो सकता है।