Maha shivratri 2025:महाशिवरात्रि हिंदू धर्म का एक अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे भगवान शिव की पूजा और व्रत के रूप में मनाया जाता है। हर वर्ष यह पर्व फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। हालांकि, इस साल यानी 2025 में महाशिवरात्रि की तारीख को लेकर लोगों में उलझन की स्थिति उत्पन्न हो गई है। कुछ लोग इसे 27 फरवरी को मान रहे हैं, जबकि कई स्थानों पर इसे 26 फरवरी को मनाने की बात हो रही है। इस लेख में हम जानेंगे कि इस साल महाशिवरात्रि की सही तारीख क्या है और इस भ्रम का समाधान क्या है।
महाशिवरात्रि की तारीख पर उठे सवाल
महाशिवरात्रि की तारीख को लेकर confusion तब बढ़ी जब कुछ लोग इसे 27 फरवरी को मनाने की बात कर रहे थे, वहीं अन्य लोग 26 फरवरी को महाशिवरात्रि मनाने की पुष्टि कर रहे थे। ऐसे में लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा था कि आखिर सही तारीख क्या है। इस भ्रम को दूर करने के लिए हमने उज्जैन के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य डॉ. मृत्युञ्जय तिवारी से इस विषय पर जानकारी ली। डॉ. तिवारी ने इस मुद्दे पर पूरी स्पष्टता दी है।
महाशिवरात्रि की सही तारीख पर ज्योतिषाचार्य का मत
महाशिवरात्रि का व्रत हर साल फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस बार चतुर्दशी तिथि 26 फरवरी 2025 को सुबह 11:08 बजे से शुरू हो रही है और 27 फरवरी 2025 को सुबह 8:54 बजे तक रहेगी। हालांकि, कुछ लोग उदयातिथि (उदय का समय) के आधार पर 27 फरवरी को महाशिवरात्रि मान रहे हैं, लेकिन महाशिवरात्रि के व्रत के लिए उदयातिथि की मान्यता नहीं है। महाशिवरात्रि व्रत के लिए निशिता पूजा मुहूर्त को ध्यान में रखा जाता है, जो चतुर्दशी तिथि की रात को होती है।
महाशिवरात्रि का सही दिन
महाशिवरात्रि का व्रत चतुर्दशी तिथि की रात को श्रेष्ठ होता है। इस साल चतुर्दशी तिथि 26 फरवरी की रात को आएगी, और 27 फरवरी को सुबह होते-होते यह समाप्त हो जाएगी। इसलिए, महाशिवरात्रि की सही तारीख 26 फरवरी 2025 होगी। इस दिन व्रत रखना और पूजा करना श्रेष्ठ रहेगा।
महाशिवरात्रि का व्रत और पूजा मुहूर्त
महाशिवरात्रि का व्रत विशेष रूप से रातभर भगवान शिव की पूजा करने का होता है। इस दिन विशेष पूजा के लिए निशिता मुहूर्त का महत्व है, जो चतुर्दशी तिथि की मध्य रात्रि में होता है। इस दौरान भगवान शिव की आराधना और मंत्रों का जाप करना अत्यधिक पुण्यदायक माना जाता है। महाशिवरात्रि के दिन व्रत रखने से भक्तों को भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।