Ganesh Chaturthi 2025: गणपति बप्पा मोरया! हर साल की तरह इस बार भी गणेश चतुर्थी पूरे देश में उत्साह और भक्ति भाव से मनाई जाएगी। वर्ष 2025 में यह पर्व बुधवार, 27 अगस्त को पड़ रहा है। इस दिन से दस दिवसीय गणेशोत्सव की शुरुआत होगी। आइए जानते हैं बप्पा की स्थापना का शुभ मुहूर्त, पूजा की विधि, महत्व, और कौन से मंत्रों का जाप करें।
गणेश चतुर्थी 2025 का पंचांग और शुभ मुहूर्त
तिथि: भाद्रपद शुक्ल पक्ष चतुर्थी
दिनांक: बुधवार, 27 अगस्त 2025
चतुर्थी तिथि समाप्त: दोपहर 3:44 बजे तक
सूर्योदय: सुबह 5:57 बजे
सूर्यास्त: शाम 6:48 बजे
नक्षत्र: पूर्वाफाल्गुनी (सुबह 9:28 तक), फिर चित्रा
योग: शुभ (12:35 तक), फिर शुक्ल
राहुकाल: दोपहर 12:22 से 1:59 बजे तक
चंद्रमा की स्थिति: कन्या राशि में
गणपति स्थापना के लिए शुभ समय:
सुबह 6:00 बजे से दोपहर 11:00 बजे तक (अभिजीत मुहूर्त सहित)
गणपति स्थापना की विधि और पूजा नियम
प्रभात में स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
घर के पूजा स्थान को साफ करके गंगाजल का छिड़काव करें।
ईशान कोण (पूर्वोत्तर दिशा) में गणेश जी की मिट्टी या धातु की प्रतिमा रखें।
प्रतिमा के नीचे लाल या पीले कपड़े का आसन बिछाएं।
बप्पा को दूर्वा, मोदक, लड्डू, सिंदूर, लाल फूल अर्पित करें।
कलश (घट) स्थापित करें, जिसमें जल, सुपारी, सिक्का, अक्षत और आम के पत्ते डालें। ऊपर नारियल रखें और कलश पर स्वस्तिक बनाएं।
पूजा करते समय ॐ गं गणपतये नमः मंत्र का 108 बार जप करें।
दीपक और धूप जलाकर आरती करें।
पूजा के बाद प्रसाद का वितरण करें।
गणेश चतुर्थी का महत्व
गणेश चतुर्थी भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है। इन्हें विघ्नहर्ता और संकटमोचक कहा जाता है। मान्यता है कि गणपति स्थापना और पूजा से जीवन के सभी संकट दूर होते हैं, और घर में सुख-समृद्धि आती है। यह पर्व केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक एकता का प्रतीक भी है।
घटस्थापना से जुड़े नियम
स्थापना से पहले जगह को पवित्र करना आवश्यक है।
गणपति मूर्ति के पास घट (कलश) जरूर रखें।
मूर्ति को सीधे हाथ से उठाएं और मंत्रों के साथ रखें।
पूजा में हर दिन आरती, नैवेद्य और पुष्पांजलि अर्पित करें।
गणेश चतुर्थी 2025 की झलकियां
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को गणेश चतुर्थी की शुभकामनाएं दीं।
जयपुर के मोती डूंगरी गणेश मंदिर में हजारों श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।

