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कुलगाम मुठभेड़: आतंकियों से मुकाबले में दो जवान शहीद, इलाके में बढ़ा तनाव

दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले में आतंकियों के खिलाफ सुरक्षाबलों का सघन अभियान जारी है। यह मुठभेड़ पिछले नौ दिनों से चल रही है और अब तक की सबसे लंबी कार्रवाई में से एक मानी जा रही है। शनिवार रात को हुई भीषण गोलीबारी में दो भारतीय जवान वीरगति को प्राप्त हो गए, जबकि कई अन्य जवान घायल हुए हैं। क्षेत्र में तनाव और दहशत का माहौल बना हुआ है।

सुरक्षाबलों की व्यापक घेराबंदी

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुठभेड़ की शुरुआत कुलगाम के एक दूरस्थ क्षेत्र में हुई, जब सुरक्षाबलों को आतंकियों की मौजूदगी की सूचना मिली। इसके बाद सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम ने इलाके की घेराबंदी कर तलाशी अभियान शुरू किया। आतंकियों ने सुरक्षा बलों पर अचानक हमला बोल दिया, जिससे मुठभेड़ और अधिक भीषण रूप ले गई।

रातभर हुई भारी गोलीबारी के कारण इलाके में अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया। गोलीबारी के दौरान दो सुरक्षाकर्मी गंभीर रूप से घायल हुए और बाद में अस्पताल में इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया।

स्थानीय नागरिकों में भय का माहौल

इस मुठभेड़ से न सिर्फ सुरक्षा बलों को क्षति पहुंची है, बल्कि स्थानीय आबादी में भी गहरा भय उत्पन्न हो गया है। लोग अपने घरों में बंद हैं, स्कूल-कॉलेजों को बंद कर दिया गया है और इंटरनेट सेवाएं भी ऐहतियातन प्रभावित की गई हैं। स्थानीय प्रशासन ने लोगों से संयम बरतने और सुरक्षा बलों को सहयोग करने की अपील की है।

जवानों की शहादत पर श्रद्धांजलि

शहीद हुए जवानों की पहचान अभी सार्वजनिक नहीं की गई है, लेकिन सेना की ओर से उन्हें पूर्ण सैनिक सम्मान के साथ श्रद्धांजलि दी जाएगी। शहीदों के परिजनों को केंद्र और राज्य सरकार की ओर से हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया गया है।

अब तक की स्थिति और आगे की रणनीति

सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ स्थल को पूरी तरह सील कर दिया है और संभावित आतंकियों की तलाश जारी है। माना जा रहा है कि मुठभेड़ में दो से तीन आतंकी शामिल हैं, जो स्थानीय और विदेशी नेटवर्क से जुड़े हो सकते हैं। इस पूरे अभियान को सेना रणनीतिक तरीके से संचालित कर रही है ताकि नागरिकों को नुकसान न पहुंचे और आतंकियों को भागने का मौका न मिले।

जवानों की शहादत देश के लिए एक बड़ा बलिदान

कुलगाम की यह मुठभेड़ बताती है कि कश्मीर घाटी में सुरक्षा की स्थिति अभी भी चुनौतीपूर्ण बनी हुई है। जवानों की शहादत देश के लिए एक बड़ा बलिदान है और इस प्रकार की घटनाएं यह याद दिलाती हैं कि देश की सुरक्षा में लगे हमारे सैनिक हर दिन जान हथेली पर लेकर डटे रहते हैं।

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