बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की कानूनी समस्याएं और गहरा सकती हैं, क्योंकि गृह मंत्रालय ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को उनके खिलाफ केस चलाने की अनुमति दे दी है। सीबीआई ने इस जानकारी को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया, जहां उन्होंने लालू यादव के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने की मंजूरी मांगी थी। यह मामला ‘लैंड फॉर जॉब’ स्कैम से जुड़ा है, जिसने लालू यादव और उनके परिवार के अन्य सदस्यों को कानूनी पचड़े में डाल दिया है।
गृह मंत्रालय की मंजूरी और CBI की कार्रवाई
गृह मंत्रालय द्वारा केस चलाने की अनुमति मिलने के बाद सीबीआई के लिए यह एक बड़ी सफलता मानी जा रही है। इससे पहले सीबीआई ने राउज एवेन्यू कोर्ट में लालू यादव के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करने के लिए मंजूरी मांगी थी, जिसे अब स्वीकृति मिल गई है। यह मंजूरी लालू यादव के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती है, क्योंकि अब उनके खिलाफ सीबीआई कानूनी प्रक्रिया को आगे बढ़ा सकेगी।
‘लैंड फॉर जॉब’ घोटाला: क्या है मामला?
‘लैंड फॉर जॉब’ घोटाला लालू यादव के रेल मंत्री कार्यकाल से जुड़ा हुआ है, जिसमें आरोप है कि रेलवे में नौकरी देने के बदले में जमीनें ली गईं। यह घोटाला उनके रेल मंत्री रहते हुए सामने आया था, जिसमें दावा किया गया था कि रेलवे में नौकरी के बदले गरीब लोगों से जमीनों की अदला-बदली की गई थी। सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ED) इस मामले की गहन जांच कर रहे हैं, और लालू यादव समेत उनके परिवार के अन्य सदस्यों पर भी आरोप लगाए गए हैं।
राउज एवेन्यू कोर्ट का समन और कोर्ट में पेशी
इससे पहले, 18 सितंबर को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने लालू यादव, उनके बेटे और बिहार के पूर्व डिप्टी मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, और तेजप्रताप यादव को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में समन जारी किया था। कोर्ट ने इन सभी को 7 अक्टूबर 2024 को पेश होने का निर्देश दिया है। इन आरोपियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के तहत कार्रवाई की जा रही है, जिसमें आरोप है कि उन्होंने अवैध तरीकों से धन अर्जित किया।
मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप और तेजस्वी-तेजप्रताप पर प्रभाव
इस घोटाले का असर केवल लालू यादव तक सीमित नहीं है, बल्कि उनके बेटे तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव पर भी आरोप लगाए गए हैं। तेजस्वी यादव, जो बिहार के पूर्व डिप्टी मुख्यमंत्री रह चुके हैं, पर मनी लॉन्ड्रिंग के गंभीर आरोप हैं। यह मामला राजनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि लालू यादव और उनके परिवार की राजनीतिक स्थिति पर इसका बड़ा प्रभाव पड़ सकता है।
लालू परिवार की बढ़ती कानूनी चुनौतियां
यह पहला मौका नहीं है जब लालू यादव और उनके परिवार को कानूनी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। चारा घोटाले में भी लालू यादव को सजा सुनाई जा चुकी है, और अब ‘लैंड फॉर जॉब’ घोटाले में उनके खिलाफ केस चलाने की अनुमति मिलने से उनकी मुश्किलें और बढ़ गई हैं।
राजनीतिक और कानूनी दृष्टिकोण
यह मामला बिहार और देश की राजनीति में भी महत्वपूर्ण मोड़ ला सकता है। लालू यादव और उनके परिवार का राजनीतिक करियर इस घोटाले की वजह से प्रभावित हो सकता है। इस घोटाले की गूंज बिहार की राजनीतिक गलियारों में भी सुनाई दे रही है, और यह देखना होगा कि आने वाले समय में इसका राजनीतिक परिदृश्य पर क्या असर पड़ता है
‘लैंड फॉर जॉब’ घोटाले में गृह मंत्रालय की मंजूरी के बाद लालू यादव की कानूनी लड़ाई और मुश्किल हो सकती है। सीबीआई अब उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई को तेजी से आगे बढ़ा सकती है, और 7 अक्टूबर को उनकी कोर्ट में पेशी इस मामले में एक अहम मोड़ साबित हो सकती है।