मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शनिवार को एक महत्वपूर्ण घोषणा की कि राज्य सरकार लाडली बहना योजना के तहत महिलाओं को मिलने वाली मासिक वित्तीय सहायता को धीरे-धीरे बढ़ाकर पांच हजार रुपये तक करेगी। इस योजना के तहत वर्तमान में महिलाओं के बैंक खातों में प्रति माह 1250 रुपये अंतरित किए जाते हैं। मुख्यमंत्री ने यह घोषणा बुधनी विधानसभा क्षेत्र में एक रैली को संबोधित करते हुए की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेताओं ने इस योजना पर सवाल उठाए थे और यह आरोप लगाया था कि इसे चुनावी लाभ के लिए लागू किया गया था, लेकिन अब इसे तीन हजार रुपये से बढ़ाकर पांच हजार रुपये किया जाएगा।
मुख्यमंत्री यादव ने कहा, “कांग्रेस वालों को यह पूछने का हक नहीं है, क्योंकि वे तो लूटने और छीनने का काम करते थे। हम हमेशा महिलाओं की भलाई के लिए काम करेंगे।”
कांग्रेस का विरोध और आरोप
मुख्यमंत्री के इस ऐलान के बाद कांग्रेस ने इसे एक प्रकार का चुनावी सस्तापन करार दिया और आरोप लगाया कि यह उपचुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने इस घोषणा पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इसे भ्रष्ट आचरण बताते हुए भारत निर्वाचन आयोग से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की। तन्खा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए कहा, “मुख्यमंत्री जी, यह आचार संहिता का घोर उल्लंघन है। भारत निर्वाचन आयोग को इस पर तुरंत संज्ञान लेना चाहिए। आपके इस बयान से दोनों चुनाव रद्द होने का कारण मिल गया है।”
आचार संहिता का उल्लंघन और चुनावों पर असर
कांग्रेस के आरोपों के अनुसार, मुख्यमंत्री की यह घोषणा उपचुनाव के दौरान की गई है, जब आदर्श आचार संहिता लागू है। आचार संहिता के तहत किसी भी पार्टी या उम्मीदवार को चुनाव के दौरान सरकार द्वारा ऐसी योजनाओं की घोषणा करने की अनुमति नहीं होती, जो वोटरों को प्रभावित कर सकती हैं। कांग्रेस का कहना है कि इस घोषणा के जरिए सरकार अपने राजनीतिक लाभ के लिए योजना का उपयोग कर रही है।
मध्य प्रदेश में 13 नवंबर को दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं। कांग्रेस ने इस समय पर मुख्यमंत्री के बयान को पूरी तरह से चुनावी उद्देश्यों से जोड़ा है और इसे चुनावी धांधली के रूप में देखा है।
मुख्यमंत्री का रुख और सरकार की नीति
सीएम मोहन यादव ने इस आरोप का जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस हमेशा शोर मचाती रहती है, लेकिन उनकी सरकार लाडली बहना योजना को बढ़ाकर पांच हजार रुपये तक पहुंचाएगी, और यह सरकार की नीति है। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस ने यह आरोप लगाया था कि यह योजना केवल चुनावी लाभ के लिए शुरू की गई थी, लेकिन अब उन्होंने यह स्पष्ट किया कि योजना का विस्तार किया जाएगा और लाभार्थियों को ज्यादा मदद दी जाएगी।
इस बीच, सीएम यादव ने यह भी कहा कि यह योजना महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए है, और इसका उद्देश्य उनकी आर्थिक स्थिति को सुधारना है।
मध्य प्रदेश में लाडली बहना योजना के तहत मुख्यमंत्री का यह ऐलान राजनीतिक विवाद का कारण बन गया है। एक ओर जहां सरकार ने योजना को विस्तार देने की बात की है, वहीं विपक्ष इसे चुनावी लाभ के रूप में देख रहा है और चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन मान रहा है। अब देखने वाली बात यह होगी कि निर्वाचन आयोग इस पर क्या कार्रवाई करता है और क्या यह विवाद आगामी उपचुनावों पर असर डालता है या नहीं।