Maha Kumbh Mela 2025: महाकुंभ मेला, जो इस समय प्रयागराज में चल रहा है, में मंगलवार रात को एक दर्दनाक हादसा हुआ। संगम तट पर भारी भीड़ के दबाव के कारण भगदड़ मच गई, जिसमें 17 श्रद्धालुओं की मौत हो गई। हालांकि कुछ रिपोर्ट्स में मृतकों की संख्या और अधिक बताई जा रही है। इसके अलावा, बड़ी संख्या में लोग घायल भी हुए हैं, जिन्हें उपचार के लिए महाकुंभ के अस्पतालों में भेजा गया। घायलों को अस्पताल तक पहुंचाने के लिए एंबुलेंस की लंबी कतारें लगी हुई हैं, और राहत व बचाव कार्य में प्रशासन पूरी तरह से जुटा हुआ है।
घटना का समय और स्थान
यह हादसा रात करीब दो बजे संगम तट के पास हुआ। जैसे ही भीड़ का दबाव बढ़ा, भगदड़ मच गई, जिससे स्थिति पूरी तरह से अनियंत्रित हो गई। इस भगदड़ में कई श्रद्धालु घायल हुए, जबकि कई की जान चली गई। प्रशासन ने तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू किया और कुछ घंटों के बाद स्थिति को नियंत्रित कर लिया, हालांकि अधिकारियों का कहना है कि पूरी तरह से स्थिति सामान्य होने में अभी कुछ समय लगेगा।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद का बड़ा निर्णय
महाकुंभ की इस दुखद घटना के बाद अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया। परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रवींद्र पुरी ने घोषणा की कि 13 अखाड़े मौनी अमावस्या के दिन स्नान नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की दुखद घटना से सभी को गहरा दुख हुआ है, और इसलिए वे मौनी अमावस्या का स्नान नहीं करेंगे। इसके अलावा, अखाड़ा परिषद ने यह भी बताया कि वे अब बसंत पंचमी के दिन अमृत स्नान करेंगे। यह निर्णय मेला प्रशासन और सुरक्षा व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाते हुए लिया गया है।
प्रशासन द्वारा किए गए राहत कार्य
घटना के बाद प्रशासन ने तुरंत कदम उठाए और बचाव कार्य में जुट गया। पुलिस, आपदा प्रबंधन और अन्य संबंधित टीमों ने मिलकर घटना स्थल पर राहत कार्य शुरू किया। घायलों को अस्पताल भेजने की प्रक्रिया भी शुरू की गई, और स्थानीय अस्पतालों में चिकित्सा सुविधाएं बढ़ा दी गईं ताकि अधिक से अधिक श्रद्धालुओं का इलाज किया जा सके। राहत कार्यों में प्रशासन ने पूरी तत्परता दिखाई, लेकिन स्थिति को सामान्य करने में समय लगा।
अखाड़ों का प्रशासन के साथ सहयोग
इस हादसे के बाद अखाड़ों ने मेला प्रशासन के साथ सहयोग करने का निर्णय लिया है। अखाड़ा परिषद ने मेला प्रशासन से अपील की है कि सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जाए ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं से बचा जा सके। अखाड़ों ने यह भी आश्वासन दिया है कि वे स्नान के आयोजन में प्रशासन के निर्देशों का पालन करेंगे और सुरक्षा मानकों का पूरी तरह से ध्यान रखेंगे।