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महाकुंभ 2025: प्रयागराज में संगम तक पहुंचने के रास्तों पर जाम, श्रद्धालुओं को हो रही कठिनाई

Maha Kumbh:प्रयागराज महाकुंभ मेला 2025 में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है, जिसके कारण शहर और उसके आसपास के इलाकों में जाम की समस्या विकट हो गई है। खासकर प्रयागराज-लखनऊ हाईवे और हंडिया-कोखराज नेशनल हाईवे पर वाहनों की लंबी कतारें लगी हुई हैं, जिससे श्रद्धालुओं को संगम तक पहुंचने में काफी समय लग रहा है। इन रास्तों पर वाहनों की रेंगती हुई कतारों के साथ श्रद्धालु पैदल यात्रा करने को मजबूर हो रहे हैं। यह स्थिति प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुकी है, और यातायात व्यवस्था पर दबाव बढ़ रहा है।

संगम पहुंचने के रास्तों पर 10-15 किलोमीटर तक जाम

महाकुंभ के दौरान संगम पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगातार बढ़ रहा है, लेकिन जाम की समस्या ने उनकी यात्रा को मुश्किल बना दिया है। नवाबगंज से मलाका और हंडिया-कोखराज नेशनल हाईवे तक 10-15 किलोमीटर के दायरे में वाहनों का जाम लगा हुआ है। इसके साथ ही, श्रद्धालुओं को पैदल चलने में भी भारी परेशानी हो रही है। हर तरफ जाम और भीड़ का माहौल है, जिससे सामान्य यातायात भी प्रभावित हो रहा है। प्रशासन की ओर से यातायात व्यवस्था को संभालने के लिए किए गए प्रयास अब तक प्रभावी नहीं हो पाए हैं, और यह स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है।

भीड़ और जाम से निपटने के लिए प्रशासन की चुनौतियां

प्रशासन की नाकामी को लेकर स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं ने गुस्से का इज़हार किया है। जाम के कारण न सिर्फ श्रद्धालुओं को परेशानी हो रही है, बल्कि आम जनमानस भी इस समस्या से प्रभावित हो रहा है। प्रशासन की ओर से यातायात नियंत्रण की कोशिशों के बावजूद, स्थिति में कोई खास सुधार नहीं हो पाया है। इससे यह प्रतीत होता है कि प्रशासन को और अधिक प्रभावी उपायों की जरूरत है ताकि श्रद्धालुओं को सहजता से संगम तक पहुंचने में कोई कठिनाई न हो।महाकुंभ के दौरान उमड़ी भारी भीड़ ने शहर के यातायात तंत्र को पूरी तरह से प्रभावित कर दिया है। श्रद्धालु घंटों तक जाम में फंसे रहते हैं और पैदल यात्रा करने को मजबूर हो रहे हैं, जिससे उनकी यात्रा और भी कठिन हो गई है।

संगम तक यात्रा को आसान बनाने के लिए आवश्यक कदम

महाकुंभ में उमड़ी भीड़ को ध्यान में रखते हुए प्रशासन को अधिक कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि श्रद्धालु बिना किसी कठिनाई के संगम पहुंच सकें। यातायात नियंत्रण और व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए प्रशासन को और अधिक समन्वय और योजना की आवश्यकता है। अगर यही स्थिति बनी रही, तो आने वाले दिनों में और भी गंभीर जाम की स्थिति उत्पन्न हो सकती है, जिससे लाखों श्रद्धालुओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।

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