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MahaKumbh 2025: महाकुंभ 2025 में मकर संक्रांति के दिन अखाड़ों का पवित्र अमृत स्नान, आस्था का सैलाब उमड़ा संगम तट पर

MahaKumbh 2025: महाकुंभ 2025 का महास्नान मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर शुरू हो चुका है। पौष पूर्णिमा स्नान पर्व के बाद मंगलवार को महाकुंभ के महास्नान की शुरुआत हुई, जिसमें देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु शामिल हुए। संगम तट पर लाखों लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई, और अखाड़ों के संतों ने सबसे पहले अमृत स्नान किया। इस पहले अमृत स्नान में करीब ढाई करोड़ श्रद्धालुओं के शामिल होने का अनुमान है।महाकुंभ मेला प्रशासन ने श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को ध्यान में रखते हुए विशेष इंतजाम किए हैं। भीड़ प्रबंधन, सुरक्षा और संतुलन बनाए रखने के लिए प्रशासन ने पुख्ता व्यवस्था की है, ताकि सभी श्रद्धालु आसानी से स्नान कर सकें और कोई भी अप्रिय घटना न घटे।

अखाड़ों के संतों का पवित्र अमृत स्नान

महाकुंभ के पहले अमृत स्नान में सनातन धर्म के 13 प्रमुख अखाड़ों ने हिस्सा लिया। इन अखाड़ों के संतों ने पूरी श्रद्धा और नियमों का पालन करते हुए संगम में पवित्र स्नान किया। विशेष रूप से महानिर्वाणी अखाड़े के साधु-संत इस स्नान में भाग लेने के लिए बहुत उत्साहित दिखे। महाकुंभ मेला प्रशासन ने इन 13 अखाड़ों को उनके स्नान क्रम के अनुसार निर्धारित किया, और सब कुछ पूर्व की मान्यताओं के अनुरूप सुनिश्चित किया।

अखाड़ों के अमृत स्नान के समय संगम तट पर एक अद्भुत दृश्य देखने को मिला। गंगा, यमुना और सरस्वती के पवित्र संगम में श्रद्धालुओं की भीड़ ने आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य की प्राप्ति की। यह दृश्य एक ओर जहां धार्मिक आस्था और विश्वास का प्रतीक था, वहीं दूसरी ओर समाज के हर वर्ग के लिए एक महत्वपूर्ण और भावुक पल भी था।

आस्था और श्रद्धा का संगम

महाकुंभ में लाखों श्रद्धालुओं ने न केवल स्नान किया, बल्कि यह अवसर उनके लिए एक जीवनदायिनी अनुभव बन गया। संगम तट पर लोगों ने एक दूसरे से मिलकर खुशी और आस्था का अहसास किया। महाकुंभ का यह पहला अमृत स्नान न केवल भारतीयों के लिए, बल्कि पूरी दुनिया भर के श्रद्धालुओं के लिए एक अद्भुत अनुभव था।

प्रशासन द्वारा किए गए इंतजाम

महाकुंभ मेला प्रशासन ने श्रद्धालुओं की भीड़ के बीच सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी आवश्यक उपाय किए हैं। इसमें विशेष रूप से सुरक्षा बलों की तैनाती, भीड़ प्रबंधन, और स्नान घाटों पर सफाई और सुविधाओं का ध्यान रखा गया है। इसके अलावा, प्रशासन ने जलपान और चिकित्सा सुविधाएं भी सुनिश्चित की हैं ताकि श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो।

महाकुंभ की दिव्यता

महाकुंभ 2025 में मकर संक्रांति के दिन अखाड़ों का अमृत स्नान एक ऐतिहासिक पल था, जिसे लाखों श्रद्धालुओं ने मिलकर मनाया। यह पर्व न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण था, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और आस्था का भी प्रतीक बन गया। संगम तट पर जो दृश्य दिखे, वे सदियों तक याद रखे जाएंगे।

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