Mallikarjun Kharge: जम्मू-कश्मीर के आगामी चुनावों को लेकर सियासी गर्मी लगातार बढ़ती जा रही है। इस बार चुनावी समर में पाकिस्तान को लेकर भी जमकर बयानबाज़ी हो रही है। भाजपा और कांग्रेस के बीच तल्ख आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है, और दोनों पार्टियां एक-दूसरे पर तीखे हमले कर रही हैं। भाजपा की तरफ से कांग्रेस पर निशाना साधते हुए दावा किया गया है कि कांग्रेस और पाकिस्तान का एजेंडा एक जैसा है। इस आरोप का जवाब देते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भाजपा पर तीखा पलटवार किया और कहा कि कांग्रेस ने कभी पाकिस्तान के साथ कोई दोस्ताना संबंध नहीं बनाया, और न ही वहां जाकर बिरयानी खाने या गले मिलने जैसी कोई हरकत की है।
बीजेपी के आरोपों पर खरगे का जवाब
भाजपा द्वारा कांग्रेस पर पाकिस्तान से मेल-मिलाप और एक समान एजेंडा रखने के आरोपों को लेकर मल्लिकार्जुन खरगे ने स्पष्ट रूप से कहा कि यह आरोप पूरी तरह से झूठे और बेबुनियाद हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा और उसके नेता बार-बार इस तरह के झूठे आरोप लगाकर लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि कांग्रेस हमेशा देश की अखंडता और संप्रभुता के साथ खड़ी रही है।
खरगे ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस कभी पाकिस्तान जाकर बिरयानी खाने और उनसे गले मिलने नहीं गई है, जो कि एक इशारा था प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पाकिस्तान यात्रा की ओर। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह लोगों का ध्यान असली मुद्दों से भटकाने के लिए इस तरह की बातें करती है।
‘मोहब्बत हमारे साथ, शादी पाकिस्तान के साथ’
मल्लिकार्जुन खरगे ने अपने बयान में भाजपा पर व्यंग्य करते हुए कहा कि भाजपा और उसके नेताओं की रणनीति साफ है – वे मोहब्बत का ढोंग करते हैं, लेकिन उनकी असली ‘शादी’ पाकिस्तान के साथ है। इसका मतलब था कि भाजपा सार्वजनिक रूप से पाकिस्तान के खिलाफ बोलती है, लेकिन जब व्यक्तिगत या राजनीतिक लाभ की बात आती है, तो वे दोस्ती का हाथ बढ़ाते हैं। यह टिप्पणी उन राजनीतिक घटनाओं की ओर संकेत करती है जहां भाजपा नेताओं ने पाकिस्तान के साथ संवाद या रिश्ते में नरमी दिखाई है।
चुनावी राजनीति में पाकिस्तान का मुद्दा
जम्मू-कश्मीर में चुनाव नजदीक आते ही पाकिस्तान का मुद्दा एक बार फिर चुनावी बहस का केंद्र बन गया है। भाजपा द्वारा लगातार पाकिस्तान का नाम लेकर कांग्रेस पर हमले किए जा रहे हैं, जिसे लेकर कांग्रेस ने भी आक्रामक रुख अपनाया है। मल्लिकार्जुन खरगे का यह बयान दर्शाता है कि कांग्रेस भाजपा के हर हमले का मजबूती से जवाब देने को तैयार है और चुनावी लड़ाई में किसी भी तरह से पीछे नहीं हटेगी।
कुल मिलाकर, इस बार के चुनावी माहौल में पाकिस्तान का मुद्दा प्रमुख बन गया है और राजनीतिक पार्टियों के बीच इसे लेकर तीखी बयानबाजी हो रही है। चुनावी समीकरणों में पाकिस्तान के मुद्दे को लेकर यह देखना दिलचस्प होगा कि किस पार्टी को इसका कितना लाभ या हानि होती है।