मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का धरना स्थल पर अचानक दौरा
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शनिवार, 14 सितंबर को अचानक साल्टलेक में जूनियर डॉक्टरों के धरना स्थल पर पहुंच गईं। उन्होंने डॉक्टरों से कहा कि वह वहां मुख्यमंत्री के रूप में नहीं, बल्कि उनकी ‘दीदी’ के तौर पर आई हैं। ममता बनर्जी ने कहा, “जो कार्रवाई उत्तर प्रदेश में हुई, मैं वैसा नहीं करूंगी। मैं आपसे अपील करती हूं कि अपनी समस्याओं के समाधान के लिए समय दें और काम पर वापस लौटें।”
रेप और हत्या मामले में न्याय की मांग कर रहे हैं जूनियर डॉक्टर
जूनियर डॉक्टर बीते महीने से आरजी कर अस्पताल में रेप और हत्या मामले में न्याय की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। इससे पहले गुरुवार, 12 सितंबर को, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और आंदोलनकारी डॉक्टरों के प्रतिनिधिमंडल के बीच लाइव प्रसारण की जिद के चलते बैठक नहीं हो सकी थी।
ममता बनर्जी का छात्र आंदोलन का अनुभव साझा
धरने पर बैठे डॉक्टरों से ममता बनर्जी ने अपने छात्र जीवन के संघर्षों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि वह भी छात्र आंदोलनों का नेतृत्व करके आगे आई हैं और उन्होंने जीवन में काफी संघर्ष किया है। ममता ने कहा, “मैं आपकी स्थिति को समझती हूं। कल पूरी रात बारिश हुई, मैं पूरी रात चिंतित रही क्योंकि आप धरने पर बैठे थे। आपकी मांगों को सुनने के बाद मैं उनका अध्ययन करूंगी और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समाधान निकालने का प्रयास करूंगी।”
ममता ने डॉक्टरों से मांगा थोड़ा समय
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने डॉक्टरों से काम पर लौटने की अपील करते हुए कहा कि राज्य सरकार उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेगी। उन्होंने कहा, “अस्पतालों के विकास, बुनियादी ढांचे और सुरक्षा से संबंधित काम शुरू हो चुके हैं और आगे भी किए जाएंगे। मैं आपसे निवेदन करती हूं कि काम पर लौटें, क्योंकि कई मरीज उचित स्वास्थ्य सेवा न मिलने के कारण मर गए हैं।”
ममता ने भूख हड़ताल के संघर्ष को याद किया
ममता बनर्जी ने डॉक्टरों से कहा कि वह उन्हें मजबूर नहीं कर सकतीं, केवल अपील कर सकती हैं। उन्होंने अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए कहा, “जब सीपीआईएम सत्ता में थी, मैंने 26 दिनों तक भूख हड़ताल की थी, लेकिन तत्कालीन सरकार की ओर से कोई भी मुझसे बात करने नहीं आया।” ममता ने यह भी कहा कि यह उनका आखिरी प्रयास है और उन्होंने वादा किया कि कोई अन्याय नहीं होगा।