Mamta Kulkarni At Maha kumbh 2025: 90 के दशक में बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री ममता कुलकर्णी अब एक नए अध्याय की ओर बढ़ चुकी हैं। महाकुंभ 2025 के धार्मिक और आध्यात्मिक अवसर पर ममता ने एक ऐतिहासिक निर्णय लिया। उन्होंने संन्यास की दीक्षा ली और किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर पदवी प्राप्त की। यह उनका जीवन का एक महत्वपूर्ण मोड़ है, जहां वह अपनी पुरानी पहचान से पूरी तरह से अलग होकर आध्यात्मिक जीवन की ओर अग्रसर हो रही हैं।
महाकुंभ में ममता का आध्यात्मिक कदम
महाकुंभ के दौरान ममता कुलकर्णी ने भगवा वस्त्र पहनकर रुद्राक्ष की माला धारण की और संगम के पवित्र तट पर पिंडदान किया। इस आयोजन के बाद, उन्हें महामंडलेश्वर की पदवी देने के लिए चादरपोशी की रस्म अदा की गई। महाकुंभ के इस पवित्र पर्व पर उनका यह कदम न केवल उनके जीवन के नए अध्याय की शुरुआत को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि अब वह पूरी तरह से आध्यात्मिक जीवन में लीन होने के लिए तैयार हैं।
नया नाम, नया जीवन: श्री यामाई ममता नंद गिरि
ममता कुलकर्णी के आध्यात्मिक परिवर्तन के इस अवसर पर उनके नए नाम की घोषणा की गई। अब उन्हें “श्री यामाई ममता नंद गिरि” के नाम से जाना जाएगा। इस नाम के साथ उन्होंने अपने पुराने जीवन को पीछे छोड़ते हुए एक नई पहचान बनाई है, जो उनकी आध्यात्मिक यात्रा को स्पष्ट रूप से दर्शाता है। उनका यह कदम उनके जीवन के एक नए दौर की शुरुआत को दर्शाता है, जहां वह समाज में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं।
महाकुंभ में ममता की नई पहचान
महाकुंभ का यह अवसर ममता कुलकर्णी के लिए विशेष था, क्योंकि यहां उन्होंने न केवल आध्यात्मिक दीक्षा ली, बल्कि किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर की पदवी भी प्राप्त की। इस पदवी के साथ उन्हें धार्मिक और सामाजिक दायित्वों को निभाने का अवसर मिलेगा। यह उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण निर्णय है, जो उन्हें सच्चे आध्यात्मिक मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करेगा।
ममता कुलकर्णी का यह आध्यात्मिक परिवर्तन उनके प्रशंसकों और चाहने वालों के लिए चौंकाने वाली खबर है, क्योंकि वह पहले बॉलीवुड की दुनिया का हिस्सा थीं। अब उन्होंने न केवल फिल्मी दुनिया से दूर होकर आध्यात्मिक जीवन को अपनाया है, बल्कि एक सम्मानजनक पदवी भी प्राप्त की है। यह कदम उनकी पूरी यात्रा को एक नए दृष्टिकोण से देखता है और दर्शाता है कि उनका जीवन अब एक नई दिशा की ओर बढ़ रहा है।