South Korea Forest Fire:साउथ कोरिया के दक्षिणी इलाकों में शुष्क मौसम और तेज हवाओं के कारण जंगलों में भीषण आग लग गई, जिससे अब तक 18 लोगों की मौत हो चुकी है और 19 अन्य गंभीर रूप से घायल हुए हैं। आग के कारण करीब 43,000 एकड़ जमीन जलकर राख हो गई है, और कई ऐतिहासिक संरचनाएं भी नष्ट हो गई हैं। इस घटना ने पूरी तरह से साउथ कोरिया को प्रभावित कर दिया है। आग की लपटों ने न केवल जंगलों को तबाह किया, बल्कि कई ऐतिहासिक धरोहरों को भी नुकसान पहुंचाया।
आग बुझाने के प्रयासों के दौरान हेलीकॉप्टर का क्रैश होना
दक्षिण कोरिया के गृह मंत्रालय के मुताबिक, आग बुझाने के प्रयासों में लगभग 9,000 अग्निशमन कर्मी और 130 से ज्यादा हेलीकॉप्टर जुटे हुए हैं। इन प्रयासों के बावजूद, आग को काबू करने में मुश्किलें आ रही हैं। सबसे दर्दनाक घटना उस समय हुई जब आग बुझाने के काम में जुटे एक हेलीकॉप्टर ने क्रैश लैंडिंग की। इस हादसे में हेलीकॉप्टर के पायलट की जान चली गई। अधिकारियों के अनुसार, हेलीकॉप्टर में केवल एक पायलट था और बचाव कार्य जारी हैं।
ऐतिहासिक धरोहरों का नुकसान
आग ने ना केवल जंगलों और इमारतों को नुकसान पहुंचाया, बल्कि साउथ कोरिया की ऐतिहासिक धरोहरों को भी भारी क्षति हुई है। उइसियोंग में स्थित 1300 साल पुराना बौद्ध मठ, गोउंसा, आग की चपेट में आकर जलकर राख हो गया। यह मठ सातवीं सदी का था और ऐतिहासिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण था। इसके अलावा, सैंकड़ों अन्य ऐतिहासिक संरचनाएं भी आग के कारण नष्ट हो गई हैं। कोरिया हेरिटेज सर्विस ने इस नुकसान की पुष्टि की है।
प्रभावित क्षेत्रों में भारी तबाही
आग के कारण एंडोंग, उइसियोंग, सानशियोंग और उल्सान जैसे शहरों में भारी तबाही मची हुई है। इन इलाकों से 5,500 से ज्यादा लोगों को अपनी जान बचाने के लिए अपने घर छोड़ने को मजबूर होना पड़ा है। इस आपदा ने इन इलाकों में लोगों की जिंदगियों को प्रभावित किया है, और कई लोग अपने घरों और संपत्ति को खो चुके हैं। इसके अलावा, सैकड़ों इमारतें आग की चपेट में आकर पूरी तरह से नष्ट हो गई हैं।
आग बुझाने के प्रयास जारी
साउथ कोरिया के अग्निशमन दल और वन सेवा द्वारा जारी बचाव कार्यों में 130 से ज्यादा हेलीकॉप्टर और सैकड़ों वाहन जुटे हुए हैं। इस प्रयास का उद्देश्य आग को पूरी तरह से बुझाना और प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करना है। हालांकि, आग की चपेट में आकर कई क्षेत्रों में लोग बुरी तरह प्रभावित हुए हैं और उन्हें तत्काल राहत की आवश्यकता है।