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मोहन भागवत का कानपुर दौरा संपन्न, दिया जातिवाद मुक्त समाज और पर्यावरण संरक्षण का संदेश

Mohan Bhagwat visit:राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने अपना दो दिवसीय कानपुर दौरा पूरा कर लिया है। उन्होंने इस दौरान संघ पदाधिकारियों, छात्रों और व्यापारियों के साथ कई महत्वपूर्ण बैठकें कीं और समाज में बदलाव के लिए प्रेरणात्मक संदेश दिए।

जातिवाद से ऊपर उठकर एकजुट होने का संदेश

अपने दौरे के दौरान मोहन भागवत ने स्पष्ट रूप से कहा कि भारत को जातिवाद की विषमता से ऊपर उठकर सामाजिक एकता की ओर बढ़ना चाहिए। उन्होंने सभी को यह प्रेरणा दी कि समाज को राष्ट्रहित में सोचना होगा और हर वर्ग को समान अधिकार और सम्मान मिलना चाहिए।
उन्होंने कहा, “जब तक मंदिर, श्मशान और जलाशय जैसे सार्वजनिक संसाधनों पर समाज के हर वर्ग का बराबर हक नहीं होगा, तब तक सामाजिक समरसता अधूरी रहेगी।”

पर्यावरण के अनुकूल जीवनशैली को अपनाने की अपील

संघ प्रमुख ने अपने भाषणों में पर्यावरण संरक्षण पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि समाज को ऐसी जीवनशैली अपनानी चाहिए जो पर्यावरण के अनुकूल हो और प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करे।यह संदेश उन्होंने न केवल संघ के कार्यकर्ताओं को दिया बल्कि आम जनता से भी अनुरोध किया कि वे पर्यावरणीय जिम्मेदारी को समझें और बदलाव की दिशा में कदम उठाएं।

व्यापारियों को दिया स्वदेशी अपनाने का संदेश

अपने दौरे के दौरान मोहन भागवत ने स्थानीय व्यापारियों से मुलाकात की और उनसे आग्रह किया कि वे स्वदेशी उत्पादों का अधिक से अधिक उपयोग करें।
उन्होंने कहा कि स्वदेशी अपनाना न केवल आत्मनिर्भरता की दिशा में एक कदम है बल्कि यह देश की आर्थिक मजबूती और स्थानीय रोजगार को भी बढ़ावा देता है।

छात्रों को प्रेरित किया देशहित में योगदान देने के लिए

संघ प्रमुख ने युवाओं और छात्रों के साथ संवाद करते हुए उन्हें अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने और राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भागीदारी निभाने की प्रेरणा दी।उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी अगर अपने जीवन में छोटे-छोटे बदलाव करें — जैसे स्वदेशी उत्पाद अपनाना, पर्यावरण के लिए जिम्मेदार बनना, और जातिवाद से ऊपर उठना — तो समाज में बहुत बड़ा सकारात्मक प्रभाव हो सकता है।

संघ के शताब्दी वर्ष और सेवा कार्यों पर बल

मोहन भागवत ने बताया कि संघ अब अपने शताब्दी वर्ष की ओर बढ़ रहा है और “पंच परिवर्तन” के सिद्धांत पर कार्य कर रहा है।
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि पूरे देश में लाखों सेवा प्रकल्प संघ कार्यकर्ताओं और समाज के सहयोग से चलाए जा रहे हैं, जो समाज को जागरूक, उत्तरदायी और संवेदनशील बना रहे हैं।

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