MS Dhoni Birthday Special:7 जुलाई… भारतीय क्रिकेट इतिहास का वह दिन, जब मैदान पर एक शांत लेकिन तूफानी खिलाड़ी का जन्म हुआ। आज महेंद्र सिंह धोनी अपना 44वां जन्मदिन मना रहे हैं। उन्हें बधाइयों का तांता लगा है — फैंस, खिलाड़ी, सेलेब्स और दुनिया भर की क्रिकेट बिरादरी सोशल मीडिया पर #HappyBirthdayDhoni के साथ उन्हें शुभकामनाएं दे रही है।धोनी न सिर्फ भारत के सबसे सफल कप्तान रहे हैं, बल्कि वे अब तक के एकमात्र ऐसे कप्तान हैं, जिन्होंने तीनों ICC व्हाइट बॉल ट्रॉफी (T20 वर्ल्ड कप, वनडे वर्ल्ड कप, चैंपियंस ट्रॉफी) अपने नाम की है।आज के इस खास मौके पर आइए जानते हैं धोनी की जिंदगी के कुछ ऐसे 10 अनसुने किस्से, जिन्हें जानकर आप भी कहेंगे – माही वाकई अलग हैं।
MS Dhoni से जुड़े 10 अनसुने और प्रेरणादायक किस्से
सचिन तेंदुलकर रहे पहले प्रेरणास्रोत
धोनी ने हमेशा कहा है कि उनके बचपन के पहले क्रिकेट आइडल सचिन तेंदुलकर रहे हैं। उन्हीं को देखकर उन्होंने क्रिकेट खेलने का सपना देखा।
फुटबॉल गोलकीपर से क्रिकेटर तक का सफर
धोनी की शुरुआत क्रिकेट से नहीं, बल्कि फुटबॉल से हुई थी। स्कूल में वे गोलकीपर थे, और यहीं से उनके कोच ने उन्हें विकेटकीपर बनने की सलाह दी।
रेलवे में टीटी की नौकरी
क्रिकेट में आने से पहले धोनी ने भारतीय रेलवे में टीटी (ट्रैवलिंग टिकट एग्जामिनर) की नौकरी की थी। खड़गपुर स्टेशन पर उन्होंने कई रातें प्लेटफॉर्म पर ड्यूटी करते हुए बिताई।
पहली कमाई सिर्फ 50 रुपये
धोनी की पहली इनकम एक लोकल फुटबॉल मैच में जीत के रूप में मिली सिर्फ 50 रुपये थी। आज वही खिलाड़ी करोड़ों दिलों की धड़कन है।
लंबे बालों का जुनून
धोनी को लंबे बाल बेहद पसंद थे। उन्होंने बताया था कि जॉन अब्राहम से प्रेरित होकर उन्होंने लंबे बाल रखे थे।
कैप्टन बनने से पहले सीनियर्स को नीचे भेजना
2005 में पाकिस्तान के खिलाफ एक मैच में धोनी ने खुद को ऊपरी क्रम पर भेजा और सचिन, गांगुली और द्रविड़ जैसे दिग्गजों को नीचे भेजा। यह फैसला उनकी सोच की गहराई को दर्शाता है।
बाइक्स का जुनूनी प्रेमी
धोनी को मोटरसाइकल्स का बहुत शौक है। उनके गैराज में 100 से अधिक बाइक्स हैं, जिनमें सुपरबाइक्स से लेकर विंटेज मॉडल शामिल हैं।
कैप्टन कूल की छवि
धोनी को कभी मैदान पर गुस्सा करते नहीं देखा गया। यही कारण है कि उन्हें ‘कैप्टन कूल’ कहा जाता है। वे हमेशा शांत रहते हैं, चाहे स्थिति कितनी भी तनावपूर्ण क्यों न हो।
2011 वर्ल्ड कप की जीत और विनम्रता
2011 में जब भारत ने वर्ल्ड कप जीता, तब धोनी ने ट्रॉफी उठाने से ज्यादा ध्यान अपनी टीम पर दिया और सभी खिलाड़ियों को आगे आने दिया, खुद पीछे रह गए।
सेना के प्रति समर्पण
धोनी भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल हैं। वे अक्सर सेना की ड्यूटी पर जाते हैं और देश सेवा को अपना सम्मान मानते हैं।