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राहुल गांधी की ‘लाल किताब’ पर महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में नया विवाद, कांग्रेस और भाजपा के बीच तकरार

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ‘लाल किताब’ को लेकर एक नया विवाद सामने आया है। भाजपा ने इस किताब को लेकर राहुल गांधी पर निशाना साधा, जिसके बाद कांग्रेस ने जवाबी हमला करते हुए भाजपा नेताओं को सलाह दी कि पहले सोच-समझ कर बयान दें, फिर बोलें। यह मामला नागपुर में आयोजित संविधान सम्मेलन से जुड़ा हुआ है, जहां राहुल गांधी ने एक विशेष किताब को साझा किया था, जिसे लेकर विवाद पैदा हुआ।

राहुल गांधी और ‘लाल किताब’ विवाद

राहुल गांधी ने बुधवार को नागपुर के सुरेश भट सभागार में संविधान सम्मेलन में हिस्सा लिया था। इस दौरान उन्होंने वहां मौजूद लोगों को संविधान की ‘लाल किताब’ बांटी, जिसका कवर भारत के संविधान का था। किताब को एक नोटपैड की तरह डिजाइन किया गया था, और इसके कवर पर “Constitution of India” लिखा था। भाजपा ने इस किताब के वितरण को लेकर आपत्ति जताई, और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने यह कदम अर्बन नक्सलियों और अराजकतावादियों की मदद लेने के लिए उठाया था।

फडणवीस ने कहा, “राहुल गांधी ने भारत के संविधान के प्रति अपनी बेवफाई को जाहिर किया है। उन्होंने यह नाटक किया कि वह संविधान का महिमामंडन करना चाहते हैं, जबकि उनका असली उद्देश्य अर्बन नक्सलियों से समर्थन प्राप्त करना था।” फडणवीस ने राहुल पर आरोप लगाया कि वह लाल किताब के साथ संविधान की महत्ता को धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं, जबकि संविधान की असल भावना और उद्देश्य से वह बेखबर हैं।

कांग्रेस का पलटवार

भाजपा द्वारा राहुल गांधी पर इस किताब के माध्यम से अर्बन नक्सलियों से समर्थन लेने का आरोप लगाने के बाद, कांग्रेस ने इस पर जोरदार प्रतिक्रिया दी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने फडणवीस की टिप्पणी पर पलटवार करते हुए कहा, “फडणवीस हताश हो रहे हैं, उन्हें पहले सोचना चाहिए और फिर बोलना चाहिए।” जयराम ने एक ट्वीट में कहा, “फडणवीस राहुल गांधी पर आरोप लगाते हैं कि उन्होंने तथाकथित ‘अर्बन नक्सलियों’ से समर्थन प्राप्त करने के लिए ‘लाल किताब’ दिखाई। जिस किताब पर वह आपत्ति जता रहे हैं, वह भारत का संविधान है, जिसे डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर ने तैयार किया था।”

जयराम ने आगे कहा, “यह वही संविधान है, जिसे 1949 में आरएसएस ने नकारा था, क्योंकि यह मनुस्मृति से प्रेरित नहीं था। यह वही संविधान है, जिस पर कई बार हमले हुए, और अब फडणवीस इस पर सवाल उठा रहे हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि यह संविधान वही है, जिसे आरएसएस और भाजपा हमेशा नकारते रहे हैं।

संविधान का असली स्वरूप

जयराम रमेश ने फडणवीस को यह भी याद दिलाया कि ‘लाल किताब’ में भारत के सबसे प्रतिष्ठित कानूनी व्यक्तित्वों में से एक, के.के. वेणुगोपाल द्वारा लिखी गई प्रस्तावना है, जो 2017-2022 तक भारत के अटॉर्नी जनरल रहे। उन्होंने कहा कि फडणवीस को यह समझना चाहिए कि इस किताब को लेकर जो आपत्ति जताई जा रही है, वह दरअसल भारतीय संविधान का ही हिस्सा है, जिसे लाखों भारतीयों ने सम्मानित किया है।

‘अर्बन नक्सल’ शब्द पर स्पष्टीकरण

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि फडणवीस ने ‘अर्बन नक्सल’ शब्द का इस्तेमाल करके राहुल गांधी को निशाना बनाया, जबकि केंद्रीय गृह मंत्रालय पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि भारत सरकार इस शब्द का इस्तेमाल नहीं करती। जयराम रमेश ने कहा, “फडणवीस को पहले सोचकर बोलना चाहिए, क्योंकि यह शब्द न तो सरकार के पास है, और न ही इसका कोई कानूनी आधार है।”

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान छिड़ा यह विवाद अब दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों के बीच तीव्र बहस का कारण बन गया है। कांग्रेस ने भाजपा पर अपने राजनीतिक फायदे के लिए संवैधानिक मुद्दों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का आरोप लगाया है, जबकि भाजपा ने राहुल गांधी और उनकी पार्टी को भारत के संविधान के प्रति अपनी निष्ठा पर सवाल उठाने का आरोप लगाया है।

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