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Bihar Asha And Mamta Workers

बिहार चुनाव से पहले नीतीश कुमार का बड़ा तोहफा: आशा और ममता कार्यकर्ताओं के मानदेय में बढ़ोतरी

Bihar Elections:बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक अहम निर्णय लेते हुए आशा और ममता कार्यकर्ताओं को बड़ा तोहफा दिया है। सरकार ने दोनों वर्गों के मानदेय में वृद्धि कर उन्हें सम्मानित किया है, जिससे राज्य की ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था को और सशक्त बनाने का प्रयास किया गया है।

आशा कार्यकर्ताओं को अब 3 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि

मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि अब आशा कार्यकर्ताओं को पहले मिलने वाले 1,000 रुपये की जगह 3,000 रुपये मासिक प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। यह बदलाव न सिर्फ उनकी मेहनत को मान्यता देने के लिए है, बल्कि उन्हें आर्थिक रूप से अधिक सक्षम बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम भी है।

ममता कार्यकर्ताओं को प्रति प्रसव अब 600 रुपये

इसके साथ ही ममता कार्यकर्ताओं को प्रति प्रसव 300 रुपये की जगह अब 600 रुपये दिए जाएंगे। यह बदलाव उनके योगदान को महत्व देने के साथ-साथ उन्हें सेवा के लिए और अधिक प्रेरित करेगा। यह विशेष रूप से मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने में मददगार साबित होगा।

नीतीश कुमार ने की सोशल मीडिया पर घोषणा

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह घोषणा अपने ‘एक्स’ (पूर्व ट्विटर) हैंडल के जरिए की। उन्होंने लिखा:”नवम्बर 2005 में सरकार बनने के बाद से हमलोगों ने स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए बड़े पैमाने पर काम किया है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने में आशा तथा ममता कार्यकर्ताओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसे ध्यान में रखते हुए तथा ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण में आशा एवं ममता कार्यकर्ताओं के अहम योगदान को सम्मान देते हुए उनकी मानदेय राशि में वृद्धि करने का निर्णय लिया गया है।”

ग्रामीण भारत की सेहत की रीढ़ हैं ये कार्यकर्ता

आशा और ममता कार्यकर्ता, खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में, स्वास्थ्य सेवाओं का पहला संपर्क बिंदु होती हैं। ये महिलाएं गांवों में गर्भवती महिलाओं, नवजात शिशुओं और बीमार लोगों की देखभाल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। उनके प्रयासों से टीकाकरण, प्रसव पूर्व और पश्चात देखभाल जैसी सेवाएं सुलभ होती हैं।

चुनाव से पहले सामाजिक आधार मजबूत करने की कोशिश

विशेषज्ञों का मानना है कि इस निर्णय से नीतीश कुमार ने एक बार फिर साबित किया है कि वे नीतिगत फैसलों से जमीनी स्तर पर बदलाव लाने की दिशा में प्रयासरत हैं। इस फैसले से न केवल महिलाओं को आर्थिक सहारा मिलेगा, बल्कि इसका असर राज्य के स्वास्थ्य मानकों पर भी सकारात्मक रूप से पड़ेगा।

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