नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने मेडिकल के स्नातक कोर्सों में दाखिले से जुड़ी परीक्षा NEET-UG का संशोधित रिजल्ट जारी कर दिया है। इस संशोधित रिजल्ट में टॉपर्स की संख्या 61 से घटकर 17 हो गई है।
पात्रता प्राप्त छात्रों की संख्या में कमी
संशोधित रिजल्ट के अनुसार, पात्रता हासिल करने वाले छात्रों की संख्या भी घटकर 13.16 लाख से 13.15 लाख हो गई है।
मृदुल मान्या ने किया टॉप
नई सूची में दिल्ली के मृदुल मान्या आनंद शीर्ष वरीयता पर हैं, जबकि उत्तर प्रदेश के आयुष नौग्रेय दूसरे नंबर पर हैं। इससे पहले टॉपर्स की सूची में मृदुल ने तीसरे और आयुष ने चौथे नंबर पर जगह बनाई थी।
समान अंक होने पर वरीयता का निर्धारण
समान अंक आने पर शीर्ष स्थान की वरीयता तय करने में पहले छात्रों के भौतिकी, रसायन विज्ञान व जीव विज्ञान के अंकों पर विचार किया जाता है। अगर इन विषयों में भी अंक समान होते हैं, तो छात्रों की उम्र और परीक्षा में उनके प्रयासों की संख्या पर विचार होता है।
अन्य प्रमुख बदलाव
संशोधित रिजल्ट के बाद कई छात्रों की रैंकिंग में भी बदलाव देखने को मिला है। इसमें कुछ छात्र अपनी पिछली रैंक से ऊपर चढ़े हैं, जबकि कुछ नीचे खिसके हैं।
रैंकिंग में बदलाव का कारण
रैंकिंग में इस बदलाव का कारण छात्रों द्वारा दायर आपत्तियों की समीक्षा और पुनर्मूल्यांकन है। इससे पहले, कई छात्रों ने अपने अंकों और रैंकिंग में त्रुटियों की शिकायत की थी।
छात्रों की प्रतिक्रिया
संशोधित रिजल्ट को लेकर छात्रों की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कुछ छात्रों ने राहत की सांस ली है, जबकि कुछ छात्र अपनी रैंक में गिरावट से निराश हैं।
एनटीए की प्रक्रिया
एनटीए ने स्पष्ट किया है कि उसने सभी आपत्तियों की गहन समीक्षा और जांच के बाद ही संशोधित रिजल्ट जारी किया है। एजेंसी का कहना है कि यह प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष रही है।
परीक्षा प्रयासों की संख्या का महत्व
समान अंक आने पर छात्रों की वरीयता तय करने के लिए उनके परीक्षा प्रयासों की संख्या पर भी विचार किया गया है। यह कदम परीक्षा के प्रयासों की संख्या को ध्यान में रखते हुए छात्रों की मेहनत और समर्पण को सम्मान देने के लिए उठाया गया है।