Parliament Monsoon Session 2025: संसद के मानसून सत्र में आज का दिन बेहद खास माना जा रहा है, क्योंकि ऑपरेशन सिंदूर को लेकर लोकसभा में एक बार फिर चर्चा होने जा रही है। यह मामला हाल ही में चर्चा में आया जब विदेश में फंसी भारतीय महिलाओं को सुरक्षित स्वदेश वापस लाने के लिए सरकार ने एक प्रभावी अभियान चलाया, जिसे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया गया। सोमवार को इस पर चर्चा के दौरान पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस देखने को मिली थी, और अब आज इस चर्चा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह भी सीधे तौर पर हिस्सा लेंगे।
गृह मंत्री अमित शाह दोपहर को लोकसभा को करेंगे संबोधित
सरकार की ओर से आज पहला बड़ा बयान गृह मंत्री अमित शाह दोपहर 12 बजे से 1 बजे के बीच लोकसभा में देंगे। उनके भाषण को लेकर सभी की निगाहें टिकी हैं, क्योंकि इससे ऑपरेशन सिंदूर की रणनीति, सुरक्षा पहलुओं और भविष्य की दिशा पर सरकार का नजरिया सामने आएगा। साथ ही विपक्ष के सवालों का जवाब भी इसी मंच से दिया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देंगे समापन भाषण
गृह मंत्री के बाद आज शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा में इस विषय पर समापन भाषण देंगे। माना जा रहा है कि पीएम मोदी न सिर्फ ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को रेखांकित करेंगे, बल्कि इस अभियान के माध्यम से भारत की वैश्विक छवि और मानवीय मूल्यों को भी सामने रखेंगे।
सोमवार को सदन में हुआ जोरदार सियासी टकराव
सोमवार को हुई चर्चा में पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस देखने को मिली। जहां सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर को एक मानवीय और रणनीतिक सफलता बताया, वहीं विपक्ष ने इस पर सवाल उठाते हुए इसे राजनीतिक ढंग से पेश करने का आरोप लगाया। कई विपक्षी नेताओं ने सरकार से ऑपरेशन की विस्तृत जानकारी और पारदर्शिता की मांग की थी।
पीएम मोदी ने जयशंकर और राजनाथ सिंह की तारीफ की
सोमवार की चर्चा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में दिए गए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर के भाषणों की सराहना की। उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं ने ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी हर बात को स्पष्ट और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया—राजनाथ सिंह ने इसकी रणनीतिक सफलता को रेखांकित किया, जबकि जयशंकर ने भारत की वैश्विक कूटनीतिक ताकत को सामने रखा।
दोनों सदनों में जारी रहेगा मंथन
जानकारी के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर पर दोनों सदनों में 16-16 घंटे की चर्चा तय की गई है। इससे यह स्पष्ट होता है कि सरकार इस विषय को गंभीरता से ले रही है और इसे एक राष्ट्रीय उपलब्धि के रूप में प्रस्तुत करना चाहती है।