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पद्म पुरस्कार 2025.. शारदा सिन्हा और महावीर नायक को मिला राष्ट्रीय सम्मान

Padma Award 2025: भारत सरकार ने 2025 के पद्म पुरस्कारों की घोषणा की है, जिसमें देशभर के विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वालों को सम्मानित किया गया है। इस वर्ष कुल 139 व्यक्तियों को पद्म पुरस्कार प्रदान किए गए, जिनमें से 7 को पद्म विभूषण, 19 को पद्म भूषण और 113 को पद्म श्री से नवाजा गया। इनमें बिहार की प्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा को मरणोपरांत पद्म विभूषण और झारखंड के नागपुरी गायक महावीर नायक को पद्म श्री से सम्मानित किया गया।

शारदा सिन्हा: बिहार की लोक गायिका को मरणोपरांत पद्म विभूषण

शारदा सिन्हा, जिन्हें ‘बिहार कोकिला’ के नाम से जाना जाता है, को मरणोपरांत पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। उन्होंने अपनी गायकी के माध्यम से मैथिली, भोजपुरी और मगही लोक संगीत को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुत किया। उनकी प्रसिद्धि विशेष रूप से छठ पूजा के गीतों के लिए रही है। उन्होंने 1991 में पद्म श्री, 2000 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार और 2018 में पद्म भूषण प्राप्त किया था। उनका निधन 5 नवंबर 2024 को हुआ था।

महावीर नायक: नागपुरी संगीत के संरक्षक को पद्म श्री

महावीर नायक, झारखंड के प्रसिद्ध नागपुरी गायक और गीतकार हैं, जिन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया गया। उन्होंने 1962 से अब तक 300 से अधिक गीत लिखे हैं और 5000 से अधिक पुराने कवियों के गीतों का संग्रह किया है। उनकी संगीत शैली में भिनसरिया, फगुआ, पावस और मर्दानी झुमर राग प्रमुख हैं। उन्होंने 1985 में कुनझान संस्था की स्थापना की, जो युवा पीढ़ी को पारंपरिक नागपुरी संगीत से जोड़ने का कार्य करती है।

पुरस्कार वितरण समारोह

पद्म पुरस्कारों का वितरण राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक भव्य समारोह में किया गया। इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। समारोह में कुल 68 व्यक्तियों को पद्म पुरस्कार प्रदान किए गए। इससे पहले 28 जनवरी को 71 व्यक्तियों को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था।

अन्य प्रमुख पुरस्कार प्राप्तकर्ता

पद्म विभूषण: कुमुदिनी रजनीकांत लाखिया (कला), न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) श्री जगदीश सिंह खेहर (सार्वजनिक मामले), ओसामु सुजुकी (व्यापार और उद्योग), लक्ष्मीनारायण सुब्रमण्यम (कला), एम.टी. वासुदेवन नायर (साहित्य और शिक्षा)।

पद्म भूषण: ए. सूर्य प्रकाश (पत्रकारिता), अनंत नाग (कला), पंकज उधास (कला), पी.आर. श्रीजेश (खेल), रामबहादुर राय (पत्रकारिता), शेखर कपूर (कला), विनोद धाम (विज्ञान और इंजीनियरिंग), बिबेक देबरॉय (साहित्य और शिक्षा), सुशील मोदी (सार्वजनिक मामले), मनोहर जोशी (सार्वजनिक मामले), नंदमुरी बालकृष्ण (कला), शोभना चंद्रकुमार (कला), अजित कुमार (कला)।

पद्म श्री: अरिजीत सिंह (कला), आर. अश्विन (खेल), अशोक सराफ (कला), अश्विनी भिड़े-देशपांडे (कला), बतूल बेगम (कला), हरविंदर सिंह (खेल), जसपिंदर नरूला (कला), नीरजा भटला (चिकित्सा), भीम सिंह भावेश (कला), पी. दत्तचनमूर्ति (कला), एल. हंगथिंग (कृषि), लीबिया लोबो सरदेसाई (सामाजिक कार्य), गोकुल चंद्र दास (कला), सैली होलकर (सामाजिक कार्य), मारुति भुजंगराव चितमपल्ली (साहित्य और शिक्षा), शेखा ए.जे. अल सबा (योग), ह्यूग और कोलीन गैंटजर (साहित्य और शिक्षा), किशोर कुणाल (सामाजिक कार्य), चंद्रकांत सोमपुरा (कला), अनिल कुमार बोरो (साहित्य और शिक्षा), अरुणोदय साहा (साहित्य और शिक्षा), अरविंद शर्मा (साहित्य और शिक्षा), चंद्रकांत शेठ (साहित्य और शिक्षा), डेविड आर. सियेमलीह (साहित्य और शिक्षा), गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ (साहित्य और शिक्षा), गीता उपाध्याय (साहित्य और शिक्षा), हृदय नारायण दीक्षित (साहित्य और शिक्षा), जगदीश जोशीला (साहित्य और शिक्षा), केएल कृष्णा (साहित्य और शिक्षा), लक्ष्मीपति रामसुब्बैयर (साहित्य और शिक्षा), ललित कुमार मंगोत्रा (साहित्य और शिक्षा), नागेंद्र नाथ रॉय (साहित्य और शिक्षा), नितिन नोहरिया (साहित्य और शिक्षा), प्रतिभा सत्पथी (साहित्य और शिक्षा), रामदरश मिश्रा (साहित्य और शिक्षा), रेंथले लालरावण (साहित्य और शिक्षा), संत राम देसवाल (साहित्य और शिक्षा), सीनी विश्वनाथन (साहित्य और शिक्षा), शीन काफ निज़ाम (साहित्य और शिक्षा), स्टीफन नैप (साहित्य और शिक्षा), सैयद ऐनुल हसन (साहित्य और शिक्षा), तुषार दुर्गेशभाई

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