Pahalgam Terror Attack:जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर पाकिस्तान ने अपनी नापाक हरकतों से निर्दोष भारतीय नागरिकों की जान ली है। एलओसी (नियंत्रण रेखा) के पास पाकिस्तान की ओर से की गई अंधाधुंध फायरिंग में चार बच्चों सहित कुल 12 भारतीय नागरिकों की मौत हो गई है, जबकि 57 अन्य गंभीर रूप से घायल हुए हैं। मारे गए लोगों में जोया खान (12), मरियम खातून (7) और बलविंदर कौर (33) जैसी मासूम और निर्दोष नागरिक भी शामिल हैं।यह फायरिंग उस समय शुरू हुई जब भारत ने “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत पाकिस्तान और पीओके में मौजूद आतंकवादी ठिकानों पर सफलतापूर्वक कार्रवाई की। इसके बाद पाकिस्तान सेना ने बुधवार देर रात एलओसी के विभिन्न फॉरवर्ड इलाकों में भारी मोर्टार और तोपों से जवाबी कार्रवाई शुरू कर दी, जिसका मकसद साफ था—भारत के आम नागरिकों को निशाना बनाना।
राजौरी, पुंछ, कुपवाड़ा और तंगधार में तबाही का मंजर
पाकिस्तानी सेना ने पुंछ, राजौरी, कुपवाड़ा और तंगधार जैसे अग्रिम क्षेत्रों में मोर्टार दागे और तोपों से फायरिंग की। मेंढर, मनकोट, ठंडी कस्सी सहित कई गांवों में इस गोलाबारी की वजह से मकानों को नुकसान पहुंचा, दुकानों में आग लग गई और वाहन जलकर खाक हो गए।कुपवाड़ा जिले के करनाह सेक्टर में पाकिस्तान की गोलीबारी से कई घरों में आग लग गई, जबकि बारामूला जिले के उरी सेक्टर में पांच नाबालिग बच्चों समेत दस लोग घायल हो गए।
शहीद हुए नागरिकों की पहचान
पाकिस्तान की फायरिंग में जान गंवाने वालों में अमरीक सिंह (55), मोहम्मद अकरम (40), शकीला बी (40), अमरजीत सिंह (47), रंजीत सिंह (48) और अन्य नागरिक शामिल हैं। इन निर्दोषों की शहादत ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि पाकिस्तान की सेना आतंकियों से अलग नहीं, बल्कि उनकी तरह ही निर्दोषों को निशाना बनाती है।
ऑपरेशन सिंदूर के जरिए लिया पहलगाम का बदला
भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब 7 मई की दरमियानी रात दिया। ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पीओके में मौजूद 9 आतंकवादी ठिकानों पर 25 मिनट में हमला कर 100 से ज्यादा आतंकियों को ढेर कर दिया। इस साहसिक कार्रवाई के बाद पाकिस्तान की सेना बौखला गई और उसने अपनी फायरिंग में आम नागरिकों को निशाना बनाना शुरू कर दिया।