You are currently viewing फूलपुर उपचुनाव 2024: राजनीतिक समर्थन की बढ़ती चुनौतियाँ

फूलपुर उपचुनाव 2024: राजनीतिक समर्थन की बढ़ती चुनौतियाँ

लोकसभा चुनाव में भाजपा की अठारह हजार से अधिक वोटों की हार के बाद, फूलपुर उपचुनाव के लिए पार्टी ने अपनी तैयारियों की शुरुआत कर दी है। पिछले हफ्ते काशी प्रांत की कार्य समिति ने एक बैठक आयोजित की और फूलपुर क्षेत्र में कार्यवाही को लेकर मनाही की। इस बैठक में यह फैसला लिया गया कि पार्टी का पूरा ध्यान यहां की जीत पर होगा।

40 दावेदारों के नाम सामने आ चुके

फूलपुर विधानसभा क्षेत्र से अब तक लगभग 40 दावेदारों के नाम सामने आ चुके हैं और इस संख्या में और बढ़ सकती है। इस सीट पर बड़ी संख्या में दावेदारों के होने के कारण, भाजपा के लिए उम्मीदवार का चयन करना खासी मुश्किल हो रहा है। पार्टी को ध्यान रखना होगा कि यदि किसी एक दावेदार को टिकट मिल गया तो बाकी दावेदार नाराज हो सकते हैं और संगठन को उनका समर्थन नहीं मिल सकता।

जातीय दावेदारों की संख्या का महत्व

फूलपुर विधानसभा सीट पर यादव वोटरों की भी महत्वपूर्ण भूमिका है, जिनका आंकड़ा लगभग साठ प्रतिशत है। इस समय पार्टी की रणनीति यह है कि किसी यादव नेता को मैदान में उतारकर विपक्षी वोट बैंक में सेंधमारी कर सकती है। इसी बारे में विचार किया जा रहा है कि किस प्रकार से पार्टी यादव समुदाय के साथ गहरा संबंध बना सकती है और उससे चुनावी लड़ाई में फायदा पहुंचा सकती है।

Spread the love

Leave a Reply