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बिहार में पिंक बस सेवा का विस्तार.. हर जिले की महिलाओं को मिलेगा सुरक्षित सफर का तोहफा

Bihar News:बिहार सरकार ने राज्य की महिलाओं के लिए एक बड़ी सौगात के रूप में पिंक बस सेवा को पूरे राज्य में विस्तार देने का निर्णय लिया है। अब तक पटना, मुजफ्फरपुर, गया, पूर्णिया और दरभंगा जैसे प्रमुख शहरों में चल रही इस सेवा को सितंबर 2025 तक सभी जिला मुख्यालयों तक पहुंचाया जाएगा।इस योजना के तहत बिहार राज्य पथ परिवहन निगम (BSRTC) ने 80 नई पिंक बसें मंगाने का आदेश दिया है। यह निर्णय 20 सीएनजी पिंक बसों की सफल शुरुआत के बाद लिया गया है। इन बसों के लिए कुल पांच करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है।इनमें से 35 बसों का परिचालन राजधानी पटना में किया जाएगा जबकि शेष बसें राज्य के अन्य प्रमुख जिलों में चलाई जाएंगी। अगस्त के अंत तक ये सभी बसें बिहार में उपलब्ध होंगी।

महिलाओं के लिए विशेष सुविधाएं

बिहार सरकार की यह पहल केवल परिवहन सेवा नहीं है, बल्कि यह महिलाओं की सुविधा और गरिमा को बढ़ावा देने का माध्यम भी है। पिंक बसों में महिलाओं की आवश्यकताओं का विशेष ध्यान रखते हुए सेनेटरी पैड, मेडिकल किट, और मोबाइल चार्जर जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं।इसके अलावा, ये बसें विशेष रूप से महिला स्टाफ के माध्यम से ही संचालित की जाएंगी। चालक, कंडक्टर और संचालन की नोडल अधिकारी – सभी महिलाएं होंगी। इस उद्देश्य से BSRTC दो चरणों में 500 महिला ड्राइवरों को प्रशिक्षण दे रहा है, जिसकी तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है।

सुरक्षा पर विशेष ध्यान

पिंक बस सेवा की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता इसकी सुरक्षा व्यवस्था है। हर बस में GPS ट्रैकर, पैनिक बटन, और CCTV कैमरे लगाए गए हैं। ये उपकरण न केवल किसी भी आपात स्थिति में त्वरित सहायता प्रदान करेंगे, बल्कि महिलाओं को आत्मनिर्भर और सुरक्षित महसूस कराएंगे।इन सुविधाओं से लैस यह सेवा राज्य में महिलाओं के लिए एक बड़ा बदलाव लाने की दिशा में अग्रसर है। इससे न केवल उनकी स्वतंत्रता बढ़ेगी, बल्कि उनके आत्मविश्वास को भी नया आयाम मिलेगा।

राजधानी सहित कई शहरों में पहले से चल रही सेवा

उल्लेखनीय है कि मई 2025 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 20 सीएनजी पिंक बसों को हरी झंडी दिखाकर सेवा की शुरुआत की थी। पटना में इन बसों का संचालन सुबह 7 बजे से रात 8 बजे तक विभिन्न रूटों पर किया जा रहा है।अब जब यह योजना सफलता की ओर बढ़ चुकी है, तो इसका विस्तार सभी जिलों तक करने का निर्णय लिया गया है ताकि राज्य की हर महिला को यह सुरक्षित, सुविधाजनक और आत्मनिर्भर यात्रा विकल्प उपलब्ध हो सके।

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