PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विज्ञान भवन में महात्मा गांधी और श्री नारायण गुरु के बीच 1925 में हुए ऐतिहासिक संवाद की शताब्दी पर आयोजित एक विशेष कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस अवसर पर देशभर से आए संतों, श्रद्धालुओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने इस आयोजन को सामाजिक न्याय, समानता और समरसता को समर्पित बताया।
अब कोई भी भारतीयों का खून बहाकर बच नहीं सकता” – पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने देश की सुरक्षा नीति पर बोलते हुए कहा कि हाल के दिनों में ऑपरेशन सिंदूर ने यह साबित कर दिया है कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपना चुका है। उन्होंने दो टूक कहा कि “भारतीयों का खून बहाने वालों के लिए अब दुनिया में कोई ठिकाना सुरक्षित नहीं है।”
उन्होंने यह भी कहा कि आज का भारत राष्ट्रहित में आवश्यक कदम उठाने से पीछे नहीं हटता, चाहे वह सुरक्षा से जुड़ा हो या वैश्विक मंचों पर नेतृत्व से।
भारत का वैश्विक नेतृत्व और वसुधैव कुटुंबकम
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की अंतरराष्ट्रीय पहल और वैश्विक दृष्टिकोण को रेखांकित करते हुए कहा कि भारत ने “वन वर्ल्ड, वन हेल्थ” और “वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड” जैसी वैश्विक पहलों का नेतृत्व किया है।उन्होंने हाल ही में संपन्न अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की थीम “वन अर्थ, वन हेल्थ” का उल्लेख किया और कहा कि ये पहलें भारत की वसुधैव कुटुंबकम की सोच को दर्शाती हैं।G20 समिट के दौरान भारत ने जो थीम रखी थी – “वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर”, वह भी इसी दिशा में एक मजबूत संदेश था।
श्री नारायण गुरु: समाज सुधार के अग्रदूत
पीएम मोदी ने अपने भाषण में श्री नारायण गुरु को एक महान संत और समाज सुधारक बताया। उन्होंने कहा कि भारत की यही विशेषता है कि जब-जब देश सामाजिक या आध्यात्मिक संकट में आता है, तब-तब कोई न कोई महान आत्मा जन्म लेकर समाज को दिशा देती है।श्री नारायण गुरु ने समाज में समानता, आध्यात्मिक जागृति और जातीय भेदभाव के खिलाफ क्रांतिकारी कार्य किए, जिससे भारत को एक नई दिशा मिली।
सामाजिक बदलाव की शुरुआत
प्रधानमंत्री ने याद दिलाया कि 12 मार्च, 1925 को केरल के शिवगिरी मठ में महात्मा गांधी और श्री नारायण गुरु के बीच एक ऐतिहासिक संवाद हुआ था। इस संवाद में वैकोम सत्याग्रह, अहिंसा, धर्मांतरण, अस्पृश्यता उन्मूलन और दलित उत्थान जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई थी।यह संवाद भारतीय सामाजिक और आध्यात्मिक इतिहास में एक मील का पत्थर माना जाता है।
आयोजन का उद्देश्य और महत्व
इस कार्यक्रम का आयोजन श्री नारायण धर्म संघम ट्रस्ट द्वारा किया गया, जिसमें विभिन्न राज्यों से आध्यात्मिक गुरु, विचारक, संत और अनुयायी शामिल हुए। यह आयोजन सामाजिक न्याय, समानता और नैतिक जागरूकता के साझा मूल्यों को सम्मान देने और आगे बढ़ाने का प्रतीक रहा।