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पहलगाम आतंकी हमले के बाद पीएम मोदी का कड़ा संदेश: “भारत हर आतंकी को ढूंढेगा और सज़ा देगा”

Pahalgam terror attack:हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ऐतिहासिक और भावनात्मक भाषण दिया, जो न केवल देशवासियों को संबोधित था, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक स्पष्ट संदेश भी था। यह भाषण बिहार के मधुबनी जिले में एक सार्वजनिक रैली के दौरान दिया गया, जहां पीएम मोदी ने पहली बार हिंदी के साथ-साथ अंग्रेजी भाषा का भी प्रयोग करते हुए आतंकवाद के खिलाफ भारत के मजबूत इरादों को उजागर किया।

अंग्रेज़ी में दिया गया संदेश: एक रणनीतिक कदम

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण के एक अहम हिस्से में कहा, “From the soil of Bihar, I am telling the whole world that India will identify and punish every terrorist. India’s spirit will never break down.” इस वाक्य के जरिए उन्होंने न केवल भारत के भीतर के नागरिकों को एकजुट होने का आह्वान किया, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी यह जताया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ किसी भी सूरत में समझौता नहीं करेगा।

हिंदी में इसका अर्थ है: “बिहार की धरती से मैं पूरी दुनिया से कह रहा हूं कि भारत हर एक आतंकी को पहचान कर उसे सज़ा देगा। भारत की आत्मा कभी नहीं टूटेगी।”

इस बयान को अंग्रेजी में देने का उद्देश्य यह था कि वैश्विक समुदाय इस संदेश को सीधे तौर पर समझ सके और यह स्पष्ट हो जाए कि भारत अब किसी भी आतंकी हमले को नजरअंदाज नहीं करेगा।

पहलगाम हमला: एक और कायराना हरकत

पहलगाम में हुआ आतंकी हमला एक बार फिर यह दिखाता है कि भारत को अस्थिर करने की साजिशें लगातार जारी हैं। इस हमले में सुरक्षाबलों को निशाना बनाया गया, जिससे पूरे देश में गुस्से की लहर दौड़ गई। पीएम मोदी ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि ऐसे कायरतापूर्ण हमले भारत की आत्मा को नहीं तोड़ सकते। भारत ने पहले भी आतंक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है और आगे भी करेगा।

भारत की नीति: ज़ीरो टॉलरेंस अगेंस्ट टेररिज़्म

पीएम मोदी ने स्पष्ट किया कि भारत की आतंकवाद के प्रति नीति “ज़ीरो टॉलरेंस” की है। उन्होंने कहा कि जो भी देश या संगठन आतंकवाद को समर्थन देता है, उसे भारत माफ नहीं करेगा। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि सुरक्षा एजेंसियों को पूरी छूट दी गई है ताकि वे हमले के पीछे शामिल हर व्यक्ति को पकड़ सकें और उन्हें कड़ी सज़ा दिलाई जा सके।

बिहार की धरती से दुनिया को दिया गया सशक्त संदेश

पीएम मोदी का यह भाषण न केवल भावनात्मक था, बल्कि निर्णायक और प्रेरणादायक भी था। जिस तरह उन्होंने हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं का इस्तेमाल कर देश और दुनिया से बात की, वह बताता है कि भारत अब केवल पीड़ित की भूमिका में नहीं रहेगा, बल्कि हमलावरों को उनके अंजाम तक पहुंचाएगा।

यह भाषण आने वाले समय में भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा नीति और वैश्विक कूटनीति की दिशा को भी प्रभावित कर सकता है।

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