PM Modi Maldives Visit:प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपनी ब्रिटेन यात्रा समाप्त करने के बाद अब दो दिवसीय आधिकारिक दौरे पर मालदीव रवाना हो गए हैं। यह यात्रा मालदीव के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद मुइजु के निमंत्रण पर हो रही है। प्रधानमंत्री मोदी मालदीव के 60वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेंगे। यह न केवल भारत और मालदीव के बीच गहरे होते संबंधों का संकेत है, बल्कि प्रधानमंत्री की कूटनीतिक प्राथमिकताओं को भी दर्शाता है।
डिफेंस समझौते पर हस्ताक्षर की संभावना, कई अहम समझौते होंगे
मालदीव में भारत के उच्चायुक्त जी. बालासुब्रमण्यम ने बताया कि इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग से जुड़े एक महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर की उम्मीद है। इसके अलावा द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने के लिए अन्य क्षेत्रों में भी कई समझौतों पर चर्चा और हस्ताक्षर संभव हैं। प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा रणनीतिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि यह दोनों देशों के बीच सुरक्षा, व्यापार और आपसी सहयोग को नई दिशा दे सकती है।
तीसरी बार मालदीव की यात्रा पर हैं प्रधानमंत्री मोदी
यह तीसरी बार है जब प्रधानमंत्री मोदी मालदीव की यात्रा कर रहे हैं। इससे पहले वे 2018 और 2019 में मालदीव जा चुके हैं। यह उनकी निरंतर “पड़ोसी पहले” नीति का ही हिस्सा है, जिसके तहत भारत अपने पड़ोसी देशों के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए रखने पर बल दे रहा है।
राष्ट्रपति मुइजु के कार्यकाल में पहली आधिकारिक राष्ट्राध्यक्ष यात्रा
यह यात्रा मालदीव के वर्तमान राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद मुइजु के कार्यकाल में किसी भी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष की पहली आधिकारिक यात्रा है। इससे यह स्पष्ट होता है कि भारत-मालदीव संबंधों को उनकी सरकार भी गंभीरता से ले रही है। मुइजु सरकार के साथ भारत के संबंधों में नई शुरुआत की संभावना जताई जा रही है।
क्षेत्रीय स्थिरता और समुद्री सुरक्षा को मिलेगा बल
भारत और मालदीव के बीच रक्षा सहयोग विशेष रूप से समुद्री सुरक्षा और आपसी रणनीतिक हितों की दृष्टि से अहम है। हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की सक्रिय भूमिका और मालदीव की सामरिक स्थिति को देखते हुए यह समझौता क्षेत्रीय स्थिरता में योगदान देगा।