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केशव प्रसाद मौर्य और ओम प्रकाश राजभर की मुलाकात से सियासी हलचल

UP Politics: उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और मंत्री ओम प्रकाश राजभर की मुलाकात से राज्य में सियासी हलचल तेज हो गई है। दोनों नेताओं ने लखनऊ स्थित सात कालिदास मार्ग पर मुलाकात की। केशव प्रसाद मौर्य ने सोशल मीडिया पर इस मुलाकात की तस्वीरें साझा कीं और लिखा, “आज लखनऊ के सात कालिदास मार्ग स्थित कैम्प कार्यालय में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर से आत्मीय भेंट की और विभिन्न विषयों पर वार्ता की।”

ओम प्रकाश राजभर ने भी इस मुलाकात की तस्वीरें साझा करते हुए कहा, “आज लखनऊ के सात कालिदास मार्ग स्थित कैम्प कार्यालय में उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से आत्मीय भेंट की और विभिन्न विषयों पर वार्ता की।”

सपा का तंज और आरोप

समाजवादी पार्टी नेता आईपी सिंह ने इस मुलाकात पर तंज कसते हुए सोशल मीडिया पर तस्वीर साझा की और लिखा, “दोनों साहबान को सिर्फ मालदार विभाग चाहिए। राजभर को अमित शाह से पैरबी करके पंचायती राज मिल गया। दूसरे केशव प्रसाद मौर्या को दोबारा PWD चाहिए जिसे CM दे नहीं रहे हैं।”

उन्होंने आगे आरोप लगाया कि “उत्तर प्रदेश के खजाने को केंद्र के इशारे पर बेरहमी से लूटा जा रहा है। फॉर्मूला- खुद खाओ हमें भी खिलाओ।”

सियासी अटकलें

बीते दिनों के दौरान केशव प्रसाद मौर्य की बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद से सियासी अटकलें तेज हो गई थीं। अब ओम प्रकाश राजभर से मुलाकात के बाद फिर से पुरानी अटकलों को हवा मिली है।

सपा में नेता प्रतिपक्ष की तलाश

अखिलेश यादव के इस्तीफे के बाद

समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के विधायक पद से इस्तीफा देने के बाद विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की जगह खाली हो गई है। सपा इस पद पर किसी भरोसेमंद नेता को बैठाना चाहेगी। मानसून सत्र 29 जुलाई से शुरू हो रहा है, इससे पहले नए नेता का चयन किया जाना है।

नेता प्रतिपक्ष की दौड़ में शामिल नाम

सपा ने विधान परिषद में लाल बिहारी यादव को पार्टी नेता के रूप में चुना है। लेकिन विधानसभा में अखिलेश यादव की जगह कौन लेगा, यह अभी तय नहीं हुआ है। सपा के पीडीए फॉर्मूले के तहत किसी पिछड़े वर्ग के नेता को यह जिम्मेदारी दी जा सकती है।

सूत्रों के अनुसार, शिवपाल यादव का नाम अभी भी रेस में है। अगर पीडीए फॉर्मूला अपनाया गया तो दलित या ओबीसी वर्ग के नेता को प्राथमिकता दी जा सकती है। दलित वर्ग से इंद्रजीत सरोज और ओबीसी वर्ग से राम अचल राजभर का नाम सबसे आगे है। इसके अलावा पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और सपा विधायक माता प्रसाद भी इस रेस में शामिल हैं।

विधानसभा में नाम का ऐलान

29 जुलाई से विधानसभा का मानसून सत्र शुरू होने वाला है। जानकारों के अनुसार, सपा पीडीए फॉर्मूले को ध्यान में रखते हुए नेता प्रतिपक्ष का चयन करेगी। विधान परिषद में नाम तय होने के बाद, विधानसभा में भी जल्द ही नाम तय होने की संभावना है।

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