Politics: महाराष्ट्र विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन गुरुवार को शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की एक लिफ्ट में मुलाकात हुई। इस अप्रत्याशित मुलाकात के बाद महाराष्ट्र में सियासी अटकलों का दौर शुरू हो गया।
उद्धव ठाकरे ने क्या कहा?
लोगों और मीडिया द्वारा लगाए जा रहे कयासों को विराम देते हुए उद्धव ठाकरे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। ठाकरे ने देवेंद्र फडणवीस के साथ लिफ्ट में हुई मुलाकात के बारे में कहा कि कुछ लोगों को लग रहा है कि यह मुलाकात “ना ना करते प्यार तुम्हीं से कर बैठे” जैसी है, जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है।
ठाकरे ने मजाकिया अंदाज में कहा…
मीडिया से बात करते हुए ठाकरे ने मजाकिया अंदाज में कहा, “अब से हम अपनी सभी गुप्त बैठकें लिफ्ट में करेंगे। ऐसा कुछ नहीं है।” शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख ने कहा कि यह एक अप्रत्याशित मुलाकात थी और जैसा दिखाया और बताया जा रहा है, ऐसा कुछ भी नहीं है। इन बातों में कोई सच्चाई नहीं है।
भाजपा और सत्तारूढ़ महायुति पर लगाए आरोप
उद्धव ठाकरे ने भाजपा और महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति पर “लीकेज वाली सरकार” का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि परीक्षाओं में कथित अनियमितताओं और अयोध्या राम मंदिर में पानी का रिसाव दर्शाता है कि यह लीकेज वाली सरकार है।
विधानसभा चुनाव में कड़ी टक्कर होने की संभावना है
इस साल के अंत में होने वाले महाराष्ट्र चुनाव से पहले यह आखिरी विधानसभा सत्र है। इस आम चुनाव में एमवीए (महा विकास आघाड़ी) ने भाजपा, शिवसेना (एकनाथ शिंदे) और एनसीपी (अजित पवार) के सत्तारूढ़ गठबंधन को मात दी थी। जिसके बाद आगामी विधानसभा चुनाव में कड़ी टक्कर होने की संभावना है।
आगामी विधानसभा चुनाव महत्वपूर्ण
गौरतलब है कि हाल ही में हुए आम चुनावों में 48 लोकसभा सीटों में से एमवीए ने 30 और एनडीए ने 17 सीटें जीती थीं। पिछले दो वर्षों में राज्य में दो प्रमुख राजनीतिक ताकतों में विभाजन की पृष्ठभूमि में आगामी विधानसभा चुनाव महत्वपूर्ण है।
भाजपा और शिवसेना का गठबंधन
2019 के चुनाव में भाजपा और शिवसेना ने गठबंधन करके चुनाव लड़ा और बहुमत हासिल किया था। लेकिन सहयोगी दल बारी-बारी से मुख्यमंत्री पद को लेकर सहमत नहीं हुए और उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस और शरद पवार की एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बना ली थी।
एकनाथ शिंदेने पार्टी से किया विद्रोह
हालांकि, उनके भरोसेमंद सहयोगी एकनाथ शिंदे ने पार्टी से विद्रोह कर दिया, जिससे शिवसेना विभाजित हो गई और 2022 में उद्धव ठाकरे की सरकार गिर गई। इसके बाद एकनाथ शिंदे ने अगली सरकार बनाने के लिए भाजपा के साथ गठबंधन किया।
अजीत पवार ने किसके खिलाफ की बगावत?
इसके बाद एनसीपी नेता अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार के खिलाफ बगावत कर दी, जिससे एनसीपी में विभाजन हो गया। अजित पवार भी राज्य सरकार में शामिल हो गए।