Bangladesh: बांग्लादेश में हालिया राजनीतिक उथल-पुथल के कारण अल्पसंख्यक समुदाय, विशेषकर हिंदुओं, को हिंसा का सामना करना पड़ रहा है। शेख हसीना की सरकार के पतन के बाद से हिंदू समुदाय के खिलाफ हिंसा की घटनाओं में वृद्धि देखी गई है। इस स्थिति के मद्देनजर, अमेरिका ने चिंता व्यक्त की है और वॉशिंगटन डीसी में व्हाइट हाउस के बाहर इस हिंसा के खिलाफ प्रदर्शन हुए हैं। इस प्रदर्शन में विश्व हिंदू परिषद (VHP) के सदस्यों ने मीडिया के सामने अपनी राय रखी और हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की।
विश्व हिंदू परिषद की प्रतिक्रिया
विश्व हिंदू परिषद के सदस्य महेंद्र सापा ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की हत्या के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की वजह बताते हुए कहा, “हम यहां बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही हिंसा के विरोध में एकत्र हुए हैं। हम विदेश विभाग और व्हाइट हाउस से अपील करते हैं कि वे 1971 के नरसंहार से सबक लें और सुनिश्चित करें कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों। हम मांग करते हैं कि आरोपियों को समय पर सजा मिले और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।”
प्रिय साह की चिंताएँ
प्रिय साह ने भी अपनी बात रखते हुए कहा, “हमें विदेश विभाग की ओर से यहां बुलाया गया है ताकि हम बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों की स्थिति पर चर्चा कर सकें। जबकि रोहिंग्या मुसलमानों के बारे में लोगों की चिंता समझी जाती है, बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय समुदाय, व्हाइट हाउस और विदेश मंत्रालय इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं। यह स्थिति अस्वीकार्य है। अमेरिका हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में कदम उठाए।”
बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल
बांग्लादेश में हालिया हिंसा की शुरुआत जुलाई में हुई थी जब स्वतंत्रता सेनानियों के लिए आरक्षित पदों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हुए। ये विरोध प्रदर्शन जल्दी ही पूरे देश में फैल गए और छात्रों ने प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग की। इन प्रदर्शनों की तीव्रता इतनी बढ़ गई कि पांच अगस्त को शेख हसीना ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और देश छोड़ दिया। इसके बाद, बांग्लादेश में नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में एक अंतरिम सरकार का गठन किया गया है। इस अंतरिम सरकार के तहत आगामी महीनों में चुनाव कराने की योजना है।
अंतरिम सरकार और आगामी चुनाव
मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में बनी अंतरिम सरकार ने बांग्लादेश के राजनीतिक संकट को शांत करने का प्रयास किया है। इस नई सरकार की देखरेख में चुनाव कराने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इस स्थिति में सुधार की उम्मीद की जा रही है, लेकिन अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ हिंसा और सामाजिक तनाव को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय की निगरानी और समर्थन की आवश्यकता बनी हुई है।