Bihar Election 2025: बिहार चुनाव के परिणाम सामने आने के साथ ही राजनीति में नई हलचल शुरू हो गई है। एनडीए की जीत के बाद सरकार गठन की तैयारियाँ तेज़ी से आगे बढ़ रही हैं। इसी बीच एक और महत्वपूर्ण मोड़ तब आया जब लालू प्रसाद यादव के परिवार में तनाव खुलकर सामने आ गया। आरजेडी प्रमुख के परिवार में उभरी यह फूट उस समय और भी उल्लेखनीय बन गई जब लालू की बेटी रोहिणी आचार्य ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिये कुछ बेहद गंभीर और दर्दनाक आरोप लगाए।
रोहिणी आचार्य की भावुक प्रतिक्रिया
इसी राजनीतिक उथल-पुथल के दौरान रोहिणी ने एक दिन पहले ही राजनीति छोड़ने और अपने परिवार से दूरी बनाने का बड़ा फैसला घोषित किया था। लेकिन उनकी नई पोस्ट ने माहौल को और भी गर्म कर दिया। इस भावनात्मक पोस्ट में उन्होंने उस मानसिक और भावनात्मक पीड़ा को उजागर किया जो कथित रूप से उन्हें परिवार के भीतर सहनी पड़ी।
रोहिणी ने लिखा कि पिछले दिन उन्हें अपमानित किया गया, उन पर गंदी-गंदी गालियों की बौछार की गई और यहां तक कि उन्हें चोट पहुंचाने के लिए चप्पल तक उठाई गई। उनका कहना है कि वे इस अपमान का सामना केवल इसलिए कर रही हैं क्योंकि उन्होंने अपने आत्मसम्मान से समझौता करने से इंकार कर दिया। उन्होंने दो टूक कहा कि वे सत्य के साथ खड़ी थीं और यही वजह उनके खिलाफ माहौल बनने का कारण बना।
रोहिणी ने बेहद भावुक
उन्होंने खुद को न सिर्फ बेटी या बहन के रूप में, बल्कि एक पत्नी और एक मां के रूप में भी अपमानित महसूस करवाए जाने की बात कही। रोहिणी ने बेहद भावुक शब्दों में लिखा कि उन्हें अपने रोते हुए माता-पिता और बहनों को छोड़कर मजबूरी में घर से निकलना पड़ा। उनका कहना है कि उन्हें उनके ही मायके से दूर धकेल दिया गया और उन्हें ऐसा महसूस कराया गया मानो वे अकेली और असहाय हों।
उन्होंने अपनी पीड़ा साझा करते हुए यह भी कहा कि वे नहीं चाहतीं कि किसी भी परिवार में कोई लड़की या बहन उस स्थिति से गुज़रे जो उन्हें झेलनी पड़ी। उन्होंने अपने अनुभव को चेतावनी के रूप में साझा करते हुए लिखा कि किसी भी परिवार में “रोहिणी जैसी बेटी” को ऐसी परिस्थितियों का सामना न करना पड़े।
राजनीतिक चर्चाओं का नया मुद्दा
रोहिणी की यह पोस्ट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है और राजनीतिक चर्चाओं का नया मुद्दा बन गई है। बिहार के राजनीतिक माहौल में जहां एनडीए की सरकार बनाने की तैयारी जोर पकड़ रही है, वहीं लालू परिवार के भीतर का यह संघर्ष राजनीतिक समीकरणों को और जटिल बना रहा है।
एक ओर प्रशांत किशोर अपने राजनीतिक भविष्य पर निर्णय लेने वाले हैं, तो दूसरी ओर रोहिणी आचार्य के इन भावनात्मक आरोपों ने आरजेडी और लालू परिवार की अंदरूनी स्थिति को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
अब निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि लालू परिवार और पार्टी इस मुद्दे पर क्या प्रतिक्रिया देती है तथा यह विवाद आगे किस दिशा में बढ़ता है।

