You are currently viewing माइग्रेशन पर नया कानून बनाने की तैयारी: सरकार का महत्वपूर्ण कदम

माइग्रेशन पर नया कानून बनाने की तैयारी: सरकार का महत्वपूर्ण कदम

केंद्र सरकार माइग्रेशन से संबंधित नए कानून के निर्माण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। यह कानून 1983 के इमिग्रेशन एक्ट को प्रतिस्थापित करेगा। यह निर्णय खासतौर पर अमेरिका द्वारा 104 भारतीय नागरिकों को डिपोर्ट किए जाने के बाद लिया गया है। यह कदम न केवल प्रवासन से जुड़े मामलों में सुधार के लिए है, बल्कि इससे भारत और अन्य देशों के साथ अंतरराष्ट्रीय संबंधों को भी मजबूत किया जा सकेगा।

नया कानून: पुराने इमिग्रेशन एक्ट की जगह

भारत में इमिग्रेशन से जुड़े मामलों को लेकर लंबे समय से एक नया और प्रभावी कानून बनाने की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। वर्तमान में, 1983 का इमिग्रेशन एक्ट लागू है, जो समय के साथ अप्रचलित हो चुका है और प्रवासन से जुड़े विभिन्न पहलुओं को सही तरीके से नियंत्रित करने में सक्षम नहीं है। अमेरिकी सरकार द्वारा भारतीय नागरिकों के डिपोर्टेशन के बाद यह मुद्दा फिर से उठ खड़ा हुआ है। इसके परिणामस्वरूप, केंद्र सरकार ने नए इमिग्रेशन कानून को तैयार करने की प्रक्रिया को शुरू किया है।

शशि थरूर की अध्यक्षता में संसदीय समिति की रिपोर्ट

कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अध्यक्षता में विदेश मामलों पर एक संसदीय समिति ने इस मामले पर एक रिपोर्ट पेश की है। इस रिपोर्ट में भारत में माइग्रेशन से जुड़ी समस्याओं और उनके समाधान के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए हैं। कमेटी ने विशेष रूप से पंजाब और उत्तर प्रदेश जैसे राज्य, जो माइग्रेशन हॉटस्पॉट हैं, में पीओई (प्रवासन कार्यालय) खोलने की सिफारिश की है। इन राज्यों में प्रवासी भारतीयों की संख्या अधिक है, और ऐसे कार्यालयों के खुलने से उन्हें अपनी समस्याओं का समाधान शीघ्रता से मिल सकेगा।

पीओई कार्यालयों का महत्व और उद्देश्य

पीओई कार्यालयों का उद्देश्य प्रवासियों के लिए एक केंद्रीय जगह प्रदान करना है, जहां वे अपने दस्तावेजों की जांच करवा सकें, आवेदन प्रक्रिया को समझ सकें और अन्य जरूरी मदद प्राप्त कर सकें। वर्तमान में, प्रवासियों को अपने मुद्दों के समाधान के लिए दिल्ली या अन्य बड़े शहरों तक यात्रा करनी पड़ती है, जो समय और धन की बर्बादी होती है। नए कार्यालयों के खुलने से यह प्रक्रिया सरल और सुलभ हो सकेगी।

क्या बदलेगा इस नए कानून से?

नए इमिग्रेशन कानून से कई बदलाव होंगे। सबसे पहले, यह प्रवासन प्रक्रियाओं को अधिक पारदर्शी और तेज बनाएगा। इसके अलावा, यह भारत के विदेश नीति और अन्य देशों के साथ संबंधों में सुधार लाएगा, विशेष रूप से उन देशों के साथ जिनके साथ भारतीयों का प्रवासन अधिक है। नया कानून, प्रवासियों की सुरक्षा, उनके अधिकारों की रक्षा, और उन्हें सही तरीके से सहायता देने के लिए एक मजबूत ढांचा प्रदान करेगा।

फायदेमंद साबित होगा

भारत सरकार का नया इमिग्रेशन कानून, जो जल्द ही लागू हो सकता है, प्रवासी भारतीयों के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव लाएगा। शशि थरूर की अध्यक्षता में प्रस्तुत रिपोर्ट और अन्य सुझाव यह दर्शाते हैं कि सरकार इस क्षेत्र में सुधार के लिए प्रतिबद्ध है। नया कानून केवल प्रवासी भारतीयों के लिए नहीं, बल्कि भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि और संबंधों के लिए भी फायदेमंद साबित होगा।

Spread the love

Leave a Reply