काशी में महाकुंभ के लिए विशेष परिवहन व्यवस्थाएं
महाकुंभ के आयोजन की तैयारियां काशी में जोरों पर हैं। विशेष रूप से तीर्थयात्रियों की आवाजाही के लिए परिवहन सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। काशी में महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं के लिए रेल, सड़क और जल मार्ग पर सुविधाएं सुनिश्चित की जा रही हैं, ताकि महाकुंभ में आने वाले लाखों तीर्थयात्रियों को कोई परेशानी न हो। महाकुंभ की शुरूआत से पहले इन सभी सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा और दिसंबर महीने तक सभी तैयारियां पूरी हो जाएंगी।
सड़क परिवहन: 320 बसें और इलेक्ट्रिक बसों का संचालन
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम ने महाकुंभ के लिए विशेष बस सेवा की योजना बनाई है। कैंट रोडवेज बस स्टेशन से कुल 320 बसें चलाई जाएंगी। इन बसों में से हर पांच मिनट के अंतराल पर बसों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। श्रद्धालुओं को विभिन्न क्षेत्रों से महाकुंभ स्थल तक आसानी से पहुँचाया जा सके, इसके लिए 52 बसें कैंट डिपो, 55 काशी डिपो, 33 ग्रामीण डिपो, 25 चंदौली, 32 सोनभद्र, 28 विंध्यनगर डिपो, 50 गाजीपुर और 55 जौनपुर डिपो से चलाई जाएंगी। इन बसों में से कुछ इलेक्ट्रिक बसें भी होंगी, जिनकी संख्या लगभग 25 होने का अनुमान है, हालांकि इस पर अंतिम निर्णय अभी बाकी है। यदि यात्रियों की संख्या में वृद्धि होती है तो बसों की संख्या और बढ़ाई जाएगी।
रेल परिवहन: मेला स्पेशल ट्रेनें और अतिरिक्त सुविधाएं
महाकुंभ के दौरान रेलवे भी तीर्थयात्रियों के लिए विशेष सेवाएं शुरू करेगा। बनारस, सिटी और कैंट रेलवे स्टेशन से मेला स्पेशल ट्रेनें चलाई जाएंगी। इन ट्रेनों का संचालन पूर्वोत्तर रेलवे द्वारा किया जाएगा और 25 से अधिक मेला स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया जा सकता है। बनारस स्टेशन पर अतिरिक्त होल्ड एरिया बनाया जाएगा, ताकि यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें। वहीं, कैंट स्टेशन पर सर्कुलेटिंग एरिया में 3,000 स्क्वायर फीट क्षेत्र में जर्मन हैंगर विधि से शेड का निर्माण किया जाएगा, जहां 5,000 से 6,000 यात्री ठहर सकते हैं। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कमिश्नरेट की अतिरिक्त फोर्स तैनात की जाएगी, ताकि किसी भी तरह की समस्या से बचा जा सके।
जलमार्ग: हाइड्रोजन जलयान और क्रूज सेवा
महाकुंभ में जलमार्ग से यात्रा करने का भी विशेष प्रबंध किया गया है। इस बार तीर्थयात्री जलमार्ग से भी प्रयागराज तक यात्रा कर सकेंगे। नमो घाट और रविदास घाट से हाइड्रोजन जलयान और क्रूज सेवाएं चलायी जाएंगी, जो चुनार, विंध्याचल होते हुए प्रयागराज तक जाएंगी। 28 मीटर लंबा और 5.8 मीटर चौड़ा हाइड्रोजन जलयान एक बार में 50-55 यात्रियों को समायोजित कर सकेगा। यह जलयान महाकुंभ में एक नई सुविधा होगी और तीर्थयात्रियों को गंगा नदी के साथ यात्रा का एक अनूठा अनुभव प्रदान करेगा। जल परिवहन अधिकारियों का कहना है कि दिसंबर तक सभी प्रक्रियाएं पूरी कर ली जाएंगी और जलयान और क्रूज सेवाओं का संचालन शुरू कर दिया जाएगा।
अंतिम तैयारियां: नवंबर-दिसंबर में पूरी होंगी
महाकुंभ के आयोजन से पहले काशी में सभी परिवहन सुविधाओं को दिसंबर तक अंतिम रूप दे दिया जाएगा। रेलवे स्टेशनों, बस स्टेशनों और जलमार्ग पर सुविधाएं सुनिश्चित करने के साथ-साथ महाकुंभ के प्रसारण के लिए एलईडी स्क्रीन भी लगाई जाएंगी, ताकि यात्री महाकुंभ के आयोजन से जुड़े कार्यक्रमों और सूचनाओं को देख सकें। इन सभी व्यवस्थाओं से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो और वे एक सुरक्षित, सुव्यवस्थित और सुविधाजनक यात्रा का अनुभव कर सकें।
इस बार महाकुंभ में काशी और पूरे उत्तर भारत से आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के लिए हर प्रकार की यात्रा सुविधा को ध्यान में रखते हुए पूरी तैयारी की जा रही है।