PM Modi News :प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित आचार्य विद्यानंद जी महाराज के शताब्दी समारोह का भव्य उद्घाटन किया। यह कार्यक्रम केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय एवं भगवान महावीर अहिंसा भारती ट्रस्ट के सहयोग से आयोजित किया गया। समारोह में प्रधानमंत्री मोदी को जैन समुदाय की ओर से ‘धर्म चक्रवर्ती’ की माननीय उपाधि से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर पीएम मोदी ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए आचार्य विद्यानंद जी महाराज के योगदानों और उनके संदेश की महत्ता पर जोर दिया।
एक वर्ष तक चलेगा राष्ट्रीय श्रद्धांजलि समारोह
इस शताब्दी समारोह का आयोजन आचार्य विद्यानंद जी महाराज की जयंती के 100 वर्ष पूरे होने पर किया जा रहा है। यह कार्यक्रम आज से शुरू होकर 22 अप्रैल 2026 तक चलेगा। समारोह के दौरान पूरे देश में सांस्कृतिक, साहित्यिक, शैक्षिक एवं आध्यात्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिनका उद्देश्य आचार्य जी के आदर्शों और विचारों को जन-जन तक पहुंचाना है। उद्घाटन समारोह में देशभर के प्रख्यात जैन आचार्य, आध्यात्मिक नेता, सांसद, संवैधानिक अधिकारी, विद्वान और युवा प्रतिनिधि सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
आचार्य विद्यानंद जी महाराज का जीवन और संदेश
आचार्य विद्यानंद जी महाराज जैन धर्म के महान आध्यात्मिक गुरु एवं समाज सुधारक थे। उन्होंने जैन दर्शन, नैतिकता और आध्यात्मिकता पर 50 से अधिक पुस्तकों की रचना की। आचार्य जी ने अनेक वर्षों तक नंगे पांव भारतीय राज्यों की यात्राएं कीं और ध्यान, ब्रह्मचर्य तथा कठोर तपस्या का सख्ती से पालन किया। वे प्राचीन जैन मंदिरों के जीर्णोद्धार एवं संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे।
शताब्दी समारोह का उद्देश्य और महत्व
इस समारोह का मुख्य उद्देश्य आचार्य विद्यानंद जी महाराज के जीवन एवं विचारों को याद करते हुए उनके संदेश का व्यापक प्रचार-प्रसार करना है। आचार्य जी की शिक्षाएं विशेष रूप से प्राकृत, जैन दर्शन और शास्त्रीय भाषाओं के अध्ययन और प्रचार पर केंद्रित थीं। उनके द्वारा स्थापित आदर्शों और सिद्धांतों को युवा पीढ़ी तक पहुंचाकर एक नैतिक एवं आध्यात्मिक समाज का निर्माण करना इस कार्यक्रम का लक्ष्य है।
प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन
प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर कहा कि आचार्य विद्यानंद जी महाराज का जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा स्रोत है। उन्होंने धर्म, अहिंसा और संयम के मार्ग पर चलने की सीख दी। मोदी ने कहा कि आज हमारे देश को ऐसे आध्यात्मिक नेताओं की आवश्यकता है जो समाज में शांति, सद्भाव और नैतिकता को बढ़ावा दें। उन्होंने जैन समुदाय और अन्य सभी को आचार्य जी के संदेश को आगे बढ़ाने का आह्वान भी किया।