Bihar News:बिहार के दर्जनों अंगीभूत महाविद्यालयों में कार्यरत प्रभारी प्राचार्यों को जल्द ही उनके पद से हटाने की तैयारी की जा रही है। यह निर्णय राजभवन के निर्देशों के तहत लिया गया है। पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय सहित कई अन्य विश्वविद्यालयों के दर्जनभर प्राचार्य इस कार्रवाई की जद में हैं।
इस कार्रवाई का मुख्य कारण यह है कि इन प्रभारियों को वरिष्ठ शिक्षकों की मौजूदगी के बावजूद नियुक्त किया गया था, जो नियमों का उल्लंघन माना जा रहा है। राजभवन ने अब 15 दिनों के भीतर इस संबंध में एक विस्तृत रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं।
प्रभारी प्राचार्यों को हटाया जा रहा
इस मामले से जुड़ी जानकारी के अनुसार, बिहार के उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रशासनिक और शैक्षणिक सुधार के लिए यह कदम उठाया जा रहा है। राजभवन के निर्देश पर जिन प्रभारी प्राचार्यों को हटाया जा रहा है, उन्हें नियमों का उल्लंघन कर नियुक्त किया गया था। शिक्षा विभाग और विश्वविद्यालयों के बीच समन्वय की कमी के चलते कई महाविद्यालयों में वरिष्ठ शिक्षकों की अनदेखी करते हुए प्रभारियों की नियुक्ति की गई थी।
विश्वविद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर सवाल
इस कार्रवाई के तहत जिन प्राचार्यों को हटाया जा रहा है, वे कई वर्षों से पदस्थ थे, और उनके कार्यकाल के दौरान विश्वविद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठाए जा रहे थे। माना जा रहा है कि यह कदम राज्य के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में पारदर्शिता और शैक्षणिक अनुशासन लाने के उद्देश्य से लिया गया है।
शिक्षा व्यवस्था में सुधार
इसके साथ ही, यह भी उम्मीद की जा रही है कि इस कार्रवाई के बाद नए प्राचार्यों की नियुक्ति में योग्यता और वरिष्ठता का विशेष ध्यान रखा जाएगा, जिससे शिक्षा व्यवस्था में सुधार होगा। राजभवन ने 15 दिनों के भीतर इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है, और इसके बाद उच्च शिक्षा विभाग द्वारा नए कदम उठाए जा सकते हैं।
राज्य के शैक्षणिक महाविद्यालयों में लंबे समय से हो रही अनियमितताओं को देखते हुए इस कदम को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।