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राहुल गांधी का बयान: अर्जुन सरोज की हत्या के मामले में पुलिस की निष्क्रियता पर चिंता

Rahul Gandhi: लोकसभा के नेता विपक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को सिसनी भुवालपुर गांव में अर्जुन सरोज की हत्या के बाद मृतक के परिवार से मुलाकात की। पत्रकारों से बातचीत करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि हत्या के मास्टरमाइंड को पुलिस अधीक्षक द्वारा बचाया जा रहा है, लेकिन वे इसे स्वीकार नहीं करेंगे। राहुल ने स्पष्ट किया कि मृतक के परिवार को न्याय दिलाना उनकी प्राथमिकता है और वे इस मामले को छोड़ने वाले नहीं हैं।

हत्याकांड की परिस्थितियाँ और परिवार का बयान

राहुल गांधी ने मृतक अर्जुन की मां से बातचीत के बाद जानकारी दी कि अर्जुन का छोटा भाई नाई की दुकान चलाता है। अर्जुन की हत्या के पहले, कुछ लोग दुकान पर आए थे और बाल कटाने के बाद पैसे नहीं दिए थे। जब अर्जुन के भाई ने पैसे देने की बात कही, तो उन लोगों ने अर्जुन की हत्या कर दी। राहुल ने कहा कि यह स्पष्ट है कि परिवार और समाज के साथ अन्याय हुआ है, और परिवार को धमकाया गया है।

पुलिस की निष्क्रियता और राहुल गांधी की प्रतिक्रिया

राहुल गांधी ने यह भी आरोप लगाया कि हत्या के मास्टरमाइंड पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। रायबरेली के एसपी पर आरोप लगाया गया कि वे मामले में उचित कार्रवाई नहीं कर रहे हैं, जिससे स्थानीय लोगों में नाराजगी उत्पन्न हो रही है। राहुल गांधी ने यह भी कहा कि वे तब तक मामले को नहीं छोड़ेंगे जब तक परिवार को न्याय नहीं मिल जाता। उनके दौरे के दौरान भीड़ ने ‘राहुल गांधी जिन्दाबाद’ और ‘अर्जुन के हत्यारों को फांसी दो’ जैसे नारे लगाए।

प्रदर्शन और पुलिस की कार्रवाई

11 अगस्त की रात को अर्जुन सरोज की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्या के बाद, परिवारजन और कई संगठनों ने गांव में सड़क जाम कर प्रदर्शन किया। आक्रोशित ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट में भी प्रदर्शन किया और आरोपितों की गिरफ्तारी की मांग की। पुलिस ने मृतक की मां की तहरीर पर सात नामजद समेत 12 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस ने छह आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है, जबकि एक आरोपित, विशाल सिंह, अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर है।

आगे की कार्रवाई और उम्मीदें

राहुल गांधी के दौरे और बयान ने इस हत्या के मामले को फिर से सुर्खियों में ला दिया है। स्थानीय लोगों और परिवार के लिए न्याय की उम्मीदें अब और भी बढ़ गई हैं। राहुल गांधी ने स्पष्ट किया कि वे इस मामले को तब तक नहीं छोड़ेंगे जब तक पूरा न्याय नहीं हो जाता। इस दौरान, गांव में हिंसा और आक्रोश की स्थिति बनी रही, और स्थानीय प्रशासन को अब इस मामले को जल्द से जल्द सुलझाने की आवश्यकता है।

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